Hindi Kavita |कविताएँ (चालक)
दोस्तो सुरलहरी ,इस स्कंध में मैने कुछ हिन्दी कविताएँ लिखकर असली जीवन को प्रकट करने कि कोशिश की है |Hindi Poetry किसे अच्छी नहीं लगती |आज कि Hindi Poem उन महान लोगों को स्मर्पित है जो राम को फिल्मी बता रहे हैं |
चालक
सभी का सम्मान कर रहे, सभी की हो रही प्रसंशा |
चाहे डॉक्टर,पुलिस हो या हो नर्सों कि कार्यक्षमता ||
उन्हें तो किट मिले हैं, उन्हें मिले सबका साथ |
बिमारी से दूर रहें, इलाज में करें पूरा प्रयास ||
पुलिस भी आज खड़ी है, घेरी हुई है पूरी सीमा |
लॉकडाऊन का पालन करवा रहे बहाकर पसीना ||
चिंता नहीं है उन्हें अपनी, झेल रहे गद्दारों कि हिंसा |
चाहे डॉक्टर,पुलिस हो या हो नर्सों कि कार्यक्षमता ||
मैं भी घर से दूर हूँ ,दूर हूँ परिवार से |
पर मिले ना इज्जत इस पढ़े लिखे समाज से ||
मार भी झेल रहा, झेल रहा बिमारी का डर |
सारा सामान पहुँचा दूँगा, रहो अपने अपने घर ||
क्या आप को मेरा काम नहीं जमता |
सभी का सम्मान कर रहे, सभी की हो रही प्रसंशा |
ड्राइविंग सीट मेरा विस्तरा, कैबिन है मेरी रसोई |
बिमारी के चक्कर में,घर बालों से मिलने कि आस भी खोई || गाड़ी में डाल रखे किसी कि भूख, आशा और विश्वास |ड्राइवर हूँ मैं, शायद मैं भी हूँ खास ||
क्यों ,सही नहीं है मेरी कार्यक्षमता |
सभी का सम्मान कर रहे, सभी की हो रही प्रसंशा |
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