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श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक )

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व | Bhagwat Geeta ka Mahatva दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा गीता का महत्व सकन्ध लेकर आई हूँ | Geeta Ka Mahatav हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | गीता का महत्व  हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | गीता का महत्व  पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें | गीता के अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक सस्कृत में निमित्तानि च पश्यामि विपरीतानि केशव | न च श्रेयोऽनुपश्यामि हत्वा स्वजनमहवे || 31|| न काङ्क्षे विजयं कृष्ण न च राज्यं सुखनि च | किं नो राज्येन गोविंद किं भोगर्जिवितेन वा || 32|| येषामर्थे काङ्क्षितं नो अशं भोगः सुखनि च | त इमेऽवस्थिता युद्धे प्राणानस्त्यक्त्वा धनानि च || 33|| आचार्य: पितर: पुत्रस्तथैव च पितामह: | मातुला: श्वशुरा: पौत्रा: श्याला:संबंधिनस्तथा || 34|| गीता के अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक हिंदी में अर्जुन जी कहते हैं की ,मैं केवल दुर्भाग्य के लक्षण देखता हूं।

Kavita |कविताएँ (वायरल कोरोना कविता)

 Kavita |कविताएँ 


दोस्तो सुरलहरी ,इस स्कंध में मैने कुछ हिन्दी कविताएँ लिखकर असली जीवन को प्रकट करने कि कोशिश की है |Hindi Poetry किसे अच्छी नहीं लगती |आज कि Hindi Poem उन महान लोगों को स्मर्पित है जो राम  को फिल्मी बता रहे हैं |


कोरोना


🐾भूख बढ़ गई पैसे कि,रोग का हो रहा व्यापार ,

दया भावना रही नहीं,मानसिक्ता हुई पड़ी बिमार |

जीवन दाता माना तुझको ,तुझको माना है भगवान,

अंधा बहरा हुआ पड़ा है,है कैसा तू इंसान||🐾


Kavita |कविताएँ (वायरल कोरोना कविता)
Photo by Karolina Grabowska from Pexels


🐛हवा बिक रही,पानी बिक रहा ,

नहीं है पैसा,तो मुर्दा भी बिक रहा |

छीन लिए मूर्दे के कंगन,छीन ली किसी की साँसें ,

तड़फ रहा है कोई,धूमिल पड़ी किसी कि बाँछें ||🐛



🦃भाई किसी का,बहन किसी की ,

बाप किसी का ,माँ किसी कि |

मान किसी का ,जान किसी कि,

दिन किसी का रात किसी कि |

हाथ जोड़े खड़ा बाप ,रो रही है माँ किसी कि ,

तेरा तो कोई नहीं,क्यों सुने फर्याद किसी कि ||🦃



💰गुर्दे बेचे तीन ,लीवर बेचा पाँच लाख,

लाखों में बेचा दिल,जाने कैसी तेरी साख|

कफन बेचा ,लकड़ी बेची,बेच दिया अंतिम संस्कार |

क्या सोच रहा है तू ,होगा इक दिन तू भी खाक ||💰


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