सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

VIRAL POST

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक )

 श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक ) गीता के अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक सस्कृत में निमित्तानि च पश्यामि विपरीतानि केशव | न च श्रेयोऽनुपश्यामि हत्वा स्वजनमहवे || 31|| न काङ्क्षे विजयं कृष्ण न च राज्यं सुखनि च | किं नो राज्येन गोविंद किं भोगर्जिवितेन वा || 32|| येषामर्थे काङ्क्षितं नो अशं भोगः सुखनि च | त इमेऽवस्थिता युद्धे प्राणानस्त्यक्त्वा धनानि च || 33|| आचार्य: पितर: पुत्रस्तथैव च पितामह: | मातुला: श्वशुरा: पौत्रा: श्याला:संबंधिनस्तथा || 34|| गीता के अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक हिंदी में अर्जुन जी कहते हैं की ,मैं केवल दुर्भाग्य के लक्षण देखता हूं। मुझे अपने ही स्वजनों को मारने में किसी भी तरह का फायदा नज़र नहीं आता | 31| हे कृष्ण, मुझे ना विजय की इच्छा है और ना ही राज्य और सुखों की ,हे गोविंद हमे ऐसे राज्य से क्या लाभ है तथा ऐसे भोगों और जीवन से क्या  लाभ | 32| हम जिनके लिये राज्य, भोग और सुख आदि इच्छित हैं, वे ही ये सब धन और जीवन की इच्छा को छोड़कर युद्ध की लिए खड़े हैं ।33| युद्ध में आचार्य , ताऊ-चाचे, पुत्र और उसी प्रका

Poems To Wish Marriage Anniversary | विवाह की वर्षगांठ पर कविता

 Poems To Wish Marriage Anniversary | विवाह की वर्षगांठ पर कविता 


दोस्तो सुरलहरी ,इस स्कंध में मैने कुछ हिन्दी कविताएँ लिखकर असली जीवन को प्रकट करने कि कोशिश की है |Hindi Poetry किसे अच्छी नहीं लगती |आज कि Hindi Poem उन महान लोगों को स्मर्पित है जो राम  को फिल्मी बता रहे हैं |


Poems To Wish Marriage Anniversary | विवाह की वर्षगांठ पर कविता


साथ रहे हमेशा ,दी हर मुसीबत को मात ,

रहा आपका हाथों में हाथ,ना छोड़ा इक दूजे का साथ || 

 कसम खाई थी, इकट्ठा सहेंगे जिंदगी के  हर दिन रात ,

जिस दिन दो आत्माओं का हुआ मिलन ,वही दिन है आज || 


आप जैसी जोड़ियां कम ही बनती है,कम ही होते हैं आप जैसे लोग ,

   सपने हों पूरे हमेशा ,शादी की सालगिरह मुबारक हो || 

आप एक दूजे से कभी ना रूठें ,खुशियाँ जीवन में कम ना हों ,

आप का साथ कभी ना छूटे,जीवन में आपके गम ना हों || 


अन्य 

1.    वक्त तो लगता है 

2.    लोटन के राम 

 






टिप्पणियाँ

सबसे ज्यादा पसंद की गई पोस्ट

हास्य व्यंग्य शायरी | Hasya Shyari (कुछ तो बात है)

हास्य व्यंग्य शायरी | Hasya Shyari (कुछ तो बात है) दोस्तो आप सभी का स्वागत है हास्य व्यंग्य शायरी के मेरे इस  स्कंध में | आप को हास्य शायरी हँसा हँसा के पागल कर देगी | हिन्दी हास्य शायरी में दिए फोटो आप अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कर सकते हैं | 1 पहली बार जो देखा,दिल में बसी तस्वीर तेरी, सही में हैं या दूर से दिखती हैं आँखें भैंगी तेरी || 2 आते जाते देखता हूँ तुझ को कुछ तो बात है , ठीक ठाक है तू पर तेरी दोस्त में कुछ तो बात है || 3 मेक अप करती हो ,हमें लुभाने के लिए , ज्यादा भी ना किया करो, कम ही अच्छा है हमें डराने के लिए || 4 बिल्ली आँखें ,हिरनी सी चाल, पता नहीं लोग तुम्हें क्या समझते हैं , इंसान हो तुम,जानवरों से तुलना क्यों करते हैं || 5 शादी के बाराती कमरें मटका मटका झूमते हैं , पर लड़की के घर पहुँचते ही, ठेका क्यों ढूँढते हैं || और पढ़ें  1.      हास्य व्यंग्य शायरी  2.      ग्रीटिंग कार्ड शायरी 

श्रीमद्भगवतगीता का आज के जीवन मे महत्व | गीता का महत्व | Geeta Gyan (अध्याय 1 के 28 से 30 श्लोक )

  श्रीमद्भगवतगीता का आज के जीवन मे महत्व | गीता  का महत्व  दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए  आज का विचार,सुविचार  तथा  गीता का महत्व  सकन्ध लेकर आई हूँ |  Geeta Ka Mahatav  हमारे जीवन में बहुत है | हमारे  आज के विचार  हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  |  गीता का महत्व  हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का |  गीता का महत्व  पढ़ें औए दूसरों को  सुविचार  दें | गीता के अध्याय 1 के 28 से 30 श्लोक सस्कृत में कृपया परयाविष्टो विषीदत्रिदमब्रवीत्‌ । दृष्टेवमं स्वजनं कृष्ण युयुत्सुं समुपस्थितम्‌ ॥ (२८) सीदन्ति मम गात्राणि मुखं च परिशुष्यति । वेपथुश्च शरीरे में रोमहर्षश्च जायते ॥ (२९) गाण्डीवं स्रंसते हस्तात्वक्चैव परिदह्यते । न च शक्नोम्यवस्थातुं भ्रमतीव च मे मनः ॥ (३०) गीता के अध्याय 1 के 28 से 30 श्लोक हिंदी में  युद्ध क्षेत्र में डटे हुए युद्ध के अभिलाषी इस स्वजन समुदाय को देखकर,कुंती  पुत्र अर्जुन करुणा से अभिभूत हो गए और गहरे दुःख के साथ, निम्नलिखित शब्द बोले

Himachali Kavita | हिमाचली कविता (प्यारा भाऊ)

Himachali Kavita | हिमाचली कविता (प्यारा भाऊ)   हिमाचली कविता के इस स्कंध में आप पाएँगे ,डोगरी भाषा में लिखी Himachali Hasya Kavita जो जरूर आप के मन को मोह लेंगी |यह Hasya Kavita आप को रोजमर्रा कि जिन्दगी से सम्बंधित लगेगी ,पर इन का सम्बंध सिर्फ मेरी सोच से है ना कि किसी विशेष व्यक्ति से |        👚👚 प्यारा भाऊ 👚👚 दिला दा मरीज,बड्डा ही छैल भाऊ | अप्पू ताँ खरा-खरा ,दूजेआँ जो सखाए बैर भाऊ || 🐵🐵 दूँ ग्रामा दा शरीर तेरा,दसाँ ग्रामा आले जो भी सखाए बैर भाऊ | फिक्र करनी चाहिंदी अपणी,जंग्गाँ खींजे दूजे दी भाऊ || 🐕🐕 ज्ञान बड्डा भारी,प्रीत तेरी साजिशाँ नै भाऊ | होणा-जाणा कुछ नी,अड़ेया रहे फेरी भी भाऊ || 🐭🐭 तरक्की करे कोई ,मीटिंगाँ करे रोज भाऊ | जित्थी कोई पुछदा नी,ओथी भी जंग अड़ाए भाऊ || 🐹🐹 दारूए दि दुकाना जाई,भक्काँ मारे लक्खाँ दी भाऊ | नाल लगी पैणा घोड़े जो,पैर अपणा भी बढ़ाई दे भाऊ || 🐱🐱 नकेल पई बल्दा जो,अपना भी नक खुजलाए भाऊ | पता-सता कुछ नी,कुछ भी गलाई दे भाऊ || 🐣🐣 खरे कम कित्ते नी,सोची सोची कित्ती जिन्दगी खराब भाऊ | हुण भी सुधरी जा,खरे कम ही आणे कम्माँ ओ भाऊ || अन्य कविताय