Hindi Kavita | हिन्दी कविताएँ (ना जाने किस के लिए )
दोस्तो सुरलहरी ,इस स्कंध में मैने कुछ हिन्दी कविताएँ लिखकर असली जीवन को प्रकट करने कि कोशिश की है |Hindi Poetry किसे अच्छी नहीं लगती |आज कि Hindi Poem उन महान लोगों को स्मर्पित है जो राम को फिल्मी बता रहे हैं |
![]() |
Photo by Tom Swinnen from Pexels |
ना जाने किस के लिए
जमाने भर से लड़ रहा ,
ना जाने किस के लिए |
धूप छाँव की परवाह ना कर रहा ,
ना जाने किस के लिए |
मेरे होने से भी सब है ,
ना होने से भी सब होगा |
हर इच्छा को दबा रहा ना जाने किस के लिए ||
कुछ खुशियाँ हैं मेरी ,
कुछ गम भी होंगे |
खुशियाँ परे रख ,सब गम सह रहा ,
ना जाने किस के लिए |
कभी तो छाँव होगी ,
जहाँ धुप है अभी |
किसी आशा में चल रहा,
ना जाने किस के लिए |