Hindi Kavita | हिन्दी कविता (मच्छर)
दोस्तो सुरलहरी ,इस स्कंध में मैने कुछ हिन्दी कविताएँ लिखकर असली जीवन को प्रकट करने कि कोशिश की है |Hindi Poetry किसे अच्छी नहीं लगती |आज कि Hindi Poem उन महान लोगों को स्मर्पित है जो राम को फिल्मी बता रहे हैं |
मच्छर
क्या होगा श्रिष्टी का, सभी राक्षस एक साथ खड़े है |
करोना वाइरस से लड़ रहे, मच्छर भी तैयार पड़े हैं ||
अभी तक खाँसी, झींक और बुखार से डर था |
मच्छर इंतजार में पड़े, गर्मियों के पल का ||
क्या होगा श्रिष्टी का, सभी राक्षस एक साथ खड़े है |
करोना वाइरस से लड़ रहे, मच्छर भी तैयार पड़े हैं ||
लॉकडाऊन से करोना तो भाग सके है, पर मच्छर इस से भी परे हैं |चुम्बन कभी कभी ले जाते हैं, गालों को सहला जाते हैं ||
उन के चूसक यंत्र भी तैयार पड़े हैं |
क्या होगा श्रिष्टी का, सभी राक्षस एक साथ खड़े है |
करोना वाइरस से लड़ रहे, मच्छर भी तैयार पड़े हैं ||
Omg😄😄😄😄😄🤗🤗🤗
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