Hindi Kavita |कविताएँ (लॉकडाऊन)
दोस्तो सुरलहरी ,इस स्कंध में मैने कुछ हिन्दी कविताएँ लिखकर असली जीवन को प्रकट करने कि कोशिश की है |Hindi Poetry किसे अच्छी नहीं लगती |आज कि Hindi Poem उन महान लोगों को स्मर्पित है जो राम को फिल्मी बता रहे हैं |
लॉकडाऊन
अब क्या हो गया, रहो जैसे रहते हो |
हम हैं सर्वश्रेष्ठ, सदा तुम कहते हो ||
कोई रोड़ पर ना निकले,घर पर रहे इस बार,
वातावरण साफ हो रहा, हो रहा विनिर्माण |
नगर वालों को गाँव भाए,
भाए पुरातन ज्ञान विज्ञान ||
बर्गर पिज्जा खाने वाले, खा रहे देसी पकवान |
हाय हैलो करने वाले, कर रहे प्रणाम ||
अब क्या हो गया, रहो जैसे रहते हो |
हम हैं सर्वश्रेष्ठ, सदा तुम कहते हो ||
जब हम मंत्र पढ़ते थे, घर में हवन करते थे ,
नाक, नाभी पर तेल लगाकर, हमेशा स्वस्थ रहते थे |
वे हमें अंधविश्वासी कह कर सदा हँसते रहते थे ||
नगरों में है प्रदूषण, यहाँ हर बात का खतरा है |
जब खतरे में पड़ता तो गाँव गाँव रटता है ||
अब क्या हो गया, रहो जैसे रहते हो |
हम हैं सर्वश्रेष्ठ, सदा तुम कहते हो ||
लॉकडाऊन हो या कर्फ्यू, इनके भी हैं फायदे,
सौहार्द तो बढ़ाए ही, जनता को सिखाए कायदे |
हो प्रदूषण या प्रदर्शन, करना हो या परिवर्तन,
मृत्यु का डर करवा सकता, सबका ही समर्थन ||
अब क्या हो गया, रहो जैसे रहते हो |
हम हैं सर्वश्रेष्ठ, सदा तुम कहते हो ||
वाह रे भगवान कैसी तूने चीज़ बनाई,
प्रकृति का करो सम्मान, कैसे यह सीख सिखाई |
समझ जाता है सब इंसान ,
जब मृत्यु उसे देती है दिखाई ||

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