हास्य शायरी | हास्य व्यंग्य शायरी
कल किसी के साथ,आज किसी के ,
पता नहीं तुमने क्या कर रखा है |
बस रिचार्ज के लिए लड़कों को दोस्त बना रखा है ||
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उँगली का नाखून दाँतों से दबाते हो,
नैनों के बाण हम पर चलाते हो |
क्या सोचते हो पिघल जाएँगे हम,
हमें पता है आप आदतन नाखून खाते हो ||
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भला हो Social Apps का ,
कम उम्र में ही पूरी दुनिया देख ली हम ने |
अब कैसे भी रहो तुम ,सोच बदल ली है हम नें ||
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जब दिखते थे तब भी वही थे ,दिखने लगे तो भी ना बदले |
बस गहराईयाँ दिखने लगीं ,नेनों में आशाओं के बदले ||
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1. दो घूँट