Aaj Ka Jeevan Mantra | आज का जीवन मंत्र (दुलार बड़ा या दण्ड)

 Aaj Ka Jeevan Mantra | आज का जीवन मंत्र (दुलार बड़ा या दण्ड)


आज का जीवन मंत्र ब्लॉग के इस स्कंध में मैं आप को विभिन्न भारतीय लेखों से लिए जीवन मंत्र बताऊँगी |जीवन मंत्र के रोज पढ़ने पर जीवन में बदलाव जरूर पाओगे | Aaj Ka Jeevan Mantra यह स्कंध आप के जीवन को बदलवे के लिए है |आज का Life Mantra हिन्दी व English  दोनों में आप को मिलेगा |


Aaj Ka Jeevan Mantra | आज का जीवन मंत्र (दुलार बड़ा या दण्ड)


Aaj Ka Jeevan Mantra in Sanskrit || आज का जीवन मंत्र संस्कृत में 



लालनाद्वहवोदोषास्ताड़नाद्वहवोगुणा ||

तस्मात्पुत्रंचशिष्यंचताड़येन्नतुलालयेत् ||



Aaj Ka Jeevan Mantra in Hindi || आज का जीवन मंत्र हिन्दी में 


दुलारने में बहुत दोष हैं और दण्ड में बहुत गुण अत: पुत्र व शिष्य दोनों को दुलारने से दण्ड अच्छा है |



Life Mantra in English || आज का जीवन मंत्र अँग्रेजी में


There are many defects in caressing and many virtues in punishment, so punishment is better than caressing to both the son and the disciple.


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1.     खुद को बदलो 

2.     अपने लिए जियो 




Hindi Kavita | हिन्दी कविताएँ (अँधकार)

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दोस्तो सुरलहरी ,इस स्कंध में मैने कुछ हिन्दी कविताएँ लिखकर असली जीवन को प्रकट करने कि कोशिश की है |Hindi Poetry किसे अच्छी नहीं लगती |आज कि Hindi Poem उन महान लोगों को स्मर्पित है जो ना खुश रहते हैं और ना दूसरों को रहने देते हैं |


Hindi Kavita | हिन्दी कविताएँ (अँधकार)


"अँधकार"


पागल भई दुनिया,मान्सिक्ता हुई बिमार |

बस लूट घसूट मची पड़ी,कैसा है अन्धकार ||


इक दूजे कि तरक्की,ना पच रहा व्यापार |

बस धकेलने लग जाते,ना भाता उद्धार ||

गरीब का बनाते मज़ाक,अमीरों से रहते बेजार |

खुद की पता नहीं,दूजे कि नार खराब ||



पागल भई दुनिया,मान्सिक्ता हुई बिमार |

बस लूट घसूट मची पड़ी,कैसा है अन्धकार ||



दूजे कि खुशी से ,डूबे पड़े हैं दु:ख में ,

अन्दर की पीड़ा नजर आ ही जाती नज़र में ||

दो दिन की जिन्दगी ,की इर्षर्या अंगीकार ,

दो कौड़ी का मेला,छूटे ना अहंकार ||



पागल भई दुनिया,मान्सिक्ता हुई बिमार |

बस लूट घसूट मची पड़ी,कैसा है अन्धकार ||



ना उस की खुशी,ना तरक्की स्वीकार ,

ना उस का ज्ञान,ना प्रसिद्धि स्वीकार |

खोदने लगे हैं खाईयाँ इक दूजे कि राहों में  |

कुछ भी कर लो,

इक दिन समा जाओगे धरती माँ कि बाहों में ||



पागल भई दुनिया,मान्सिक्ता हुई बिमार |

बस लूट घसूट मची पड़ी,कैसा है अन्धकार ||

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1.      इज्जत फौजी की 

2.      क्या माफी होगी 





Aaj Ka Vichaar |आज का विचार (अपने लिए जीओ)

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Vichaar बनाए जिन्दगी और उन विचारों में Suvichaar होना बहुत जरूरी हैं | रोज पढ़ें Aaj Ka Vichaar और जीवन में प्रसन्नता लाएँ | आज का विचार आप कि जिन्दगी बदल सकता है अगर ढंग से विचार का अन्सरण किया जाए |



आज का विचार हिन्दी में || Aaj Ka Vichaar in Hindi 


कब तक जीओगे जीवन दूसरे को दिखाने के लिए,

कभी तो समय दो खुल के स्वतंत्र जीने के लिए ||



Today's Thought in English || Aaj ka Vichaar in English


How long will you live life to show others, Sometimes give yourself time to live freely .



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2.     आत्मा






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