श्रीमद्भगवद्गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक )
की छड़ी ही होती है ,लेकिन
अगर उसे दिखने लग जाये
तो सबसे पहले वह उसी
छड़ी को फैकता है |
यहाँ आप पाएंगे सुविचार,Suvichar,आज का जीवन मंत्र ,गीता ज्ञान ,श्यारी ,कविता जो आप के जीवन को एक सही रास्ते की और ले जाएंगी
श्रीमद्भगवद्गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक )
श्रीमद्भगवतगीता का आज के जीवन मे महत्व | गीता का महत्व
आज का सुविचार । Aaj ka Suvichar
आज का सुविचार । Suvichar (चलता चला गया)
दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |
रुका नहीं थका नहीं ,
चलता चला गया |
मंजिल को पाने की चाह
थी ऐसी ,
की बढ़ता ही चला गया ||
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1. गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 12 से 19)
2. रुका था
आज का सुविचार । Aaj Ka Jeevan Mantra (रुका था)
श्रीमद्भगवतगीता का महत्व | Geeta Ka Mahatav ( अध्याय 1 के 7 से 11 श्लोक )
दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा गीता का महत्व सकन्ध लेकर आई हूँ | Geeta Ka Mahatav हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं | गीता का महत्व हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | गीता का महत्व पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |
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गीता के अध्याय 1 के 7 से 11 श्लोक संस्कृत में
अस्माकं तु विशिष्टा ये तान्निबोध द्विजोत्तम।
नायका मम सैन्यस्य सञ्ज्ञार्थं तान्ब्रवीमि ते॥1-7॥
अपर्याप्तं तदस्माकं बलं भीष्माभिरक्षितम्।
पर्याप्तं त्विदमेतेषां बलं भीमाभिरक्षितम् ॥1-10॥
अयनेषु च सर्वेषु यथाभागमवस्थिताः।
भीष्ममेवाभिरक्षन्तु भवन्तः सर्व एव हि॥1-11॥
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गीता के अध्याय 1 के 7 से 11 श्लोक हिन्दी में | गीता महत्व
हे ब्राह्मणों के पूज्य ,हमारी तरफ से युद्ध मे जो शामिल हैं उन्हे आप समझ लीजिये | मेरी सेना के जो जो सेनापति हैं ,उनको भी मैं
बतलाता हूँ ||7||
इस युद्ध में आप द्रोणाचार्य ,पीतमाह भीष्म ,कर्ण ,और कृपाचार्य ,अश्वथामा ,विकर्ण
और सोमदत्त का पुत्र भूरिश्रवा है ||8||
कई तरह की शस्त्रविद्या और युद्धकला मे निपुण और भी बहुत से
शूरवीर हैं जो मेरे लिए प्राणों की आहुति देने के लिए तैयार हैं ||9||
भीष्म द्वारा रक्षित हमारी सेना को जीतना मुश्किल है, वहीं भीम द्वारा रक्षित इन लोगों की सेना
को जीतना आसान है ||10||
अतः आप सभी लोग मोर्चों पर अपनी अपनी जगह रहते हुए सभी तरह से
भीष्मपितामह की ही रक्षा करें ||11||
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गीता के अध्याय 1 के 7 से 11 श्लोकों का आज के युग मे महत्व हिन्दी में | गीता महत्व
दुष्ट प्रकृति के व्यक्ति को हमेशा लगता है की वह ही केवल
अजय है और अन्य जो उस की विरोधी प्रकृति है उसे जीतना आसान है | इस का अर्थ हुआ, कि
आप अगर दुष्ट भावनाओं को सुदृढ़ करते हैं तो आप के अंदर कि सकारत्मक भावनाएं समाप्त
हो जाएंगी |
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1. रुका था
2. जलते रहे
आज का सुविचार । Aaj Ka Jeevan Mantra (जलते रहे )
दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |
आज का विचार
मंजिल तक पहुँचने की चाहत थी ऐसी ,
गिरे कई बार फिर भी संभलते रहे ।
तूफानों ने कोशिश बहुत की
पर हम वो चिराग थे जो हवाओं मे
भी जलते रहे ॥
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1. गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 7 से 11)
2. ओझल
आज का सुविचार | Aaj Ka Vichar |
दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |
Aaj Ka Suvichar | आज का सुविचार (मंजिल)
दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |
हिन्दी मेें आज का विचार | आज का सुविचार
मुर्दा के साथ समशान जाते हो तो यह मत सोचो कि आप उसे मंजिल की ओर लेके जा रहे हो, बल्कि वह आप को बता रहा है की राम का नाम ही सच है बाकी सभी की मंजिल एक है ।
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1. गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 7 से 11 )
2. ओझल
श्रीमद्भगवद्गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 4 से 6 श्लोक )
लगभग 5000 वर्ष पहले युद्ध के मध्य दिया गया एक हिन्दु धर्मोपदेश जिसे 18 अध्यायों और 700 श्लोकों में संजोया गया श्रीमद्भगवद्गीता का महत्व ,आज भी पूरे विश्व के लिए एक विश्लेषण का विषय है |जब हम गीता को पढ़ते हैं तो पाते हैं कि यह धर्मोपदेश जो कई बर्षों पहले दिया गया आज के युग में भी उतना ही कारगर है जितना उस समय था |
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भगवद्गीता अध्याय 1
श्लोक 4 से 6
संस्कृत
सञ्जय उवाच
अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि
युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथ: || 4||
धृष्टकेतुश्चेकितान: काशिराजश्च वीर्यवान् |
पुरुजित्कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुङ्गव:
|| 5||
युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च
वीर्यवान् |
सौभद्रो द्रौपदेयाश्च सर्व एव महारथा:
|| 6||
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भगवद्गीता अध्याय 1
श्लोक 4 से 6
हिन्दी में अनुवाद
इस सेना में भीम तथा अर्जुन के समान युद्ध करने वाले महारथी युयुधान, विराट तथा द्रुपद जैसे अनेक वीर धनुर्धर हैं ||4||
इनके साथ ही धृष्टकेतु, चेकितान, काशिराज, विर्यवान पुरुजित्, कुन्तिभोज तथा मनुष्यों में श्रेष्ठ शैब्य जैसे योद्धा भी हैं ||5||
शूरवीर युधामन्यु, अत्यन्त बलवान उत्तमौजा, सुभद्रा का पुत्र अभिमन्यु तथा द्रोपदी के पाँचो पुत्र , ये सभी महारथी हैं ||6||
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भगवद्गीता के अध्याय 4 से 6 श्लोक का आधुनिक युग में महत्व
आप का शत्रु ,जानता है कि आप के अन्दर दिव्य गुणों जैसी ताकते कूट- कूट कर भरी हुई हैं |
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Importance of Adhyay 1, verses 4 to 6 of Bhagavad Gita in the modern era
Your enemy knows that you are filled with divine qualities like forces inside you.
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1. मंजिल
2. गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 2 और 3)
श्रीमद्भगवद्गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 2 से 3 श्लोक )
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लगभग 5000 वर्ष पहले युद्ध के मध्य दिया गया एक हिन्दु धर्मोपदेश जिसे 18 अध्यायों और 700 श्लोकों में संजोया गया श्रीमद्भगवद्गीता का महत्व ,आज भी पूरे विश्व के लिए एक विश्लेषण का विषय है |जब हम गीता को पढ़ते हैं तो पाते हैं कि यह धर्मोपदेश जो कई बर्षों पहले दिया गया आज के युग में भी उतना ही कारगर है जितना उस समय था |
मैं आप को हर रोज गीता के एक श्लोक का हिन्दी व English अर्थ बताऊँगी व यह भी बताने कि कोशिश करूँगी कि आज के आधुनिक युग में आप इसे कैसे कारगर सावित कर सकते हैं |श्रीमद्भगवद्गीता का महत्व
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भगवद्गीता अध्याय 1
श्लोक 2 और 3
संस्कृत
सञ्जय उवाच
दृष्ट्वा तु पाण्डवानीकं व्यूढं
दुर्योधनस्तदा |
आचार्यमुपसंग्म्य राजा वचनब्रवीत् ||2||
पश्यैतां पाण्डुपुत्राणामाचार्य महतीं
चमूम |
व्यूढां द्रुपदपुत्रेण तव शिष्येण धीमता ||3||
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भगवद्गीता अध्याय 1
श्लोक 1 और 2
हिन्दी में अनुवाद
संजय ने कहा
दुर्योधन, पाण्डवों की सेना कि व्यूह रचना देखकर ,द्रोणाचार्य के पास जा कर यह वचन बोले || 2||
हे आचार्य ,पाण्डवों कि इस बड़ी भारी सेना को देखिए |
जो आपके शिष्य द्रुपदपुत्र धृष्टद्युम्न द्वारा रचित व्यूह में खड़ी है ||2||
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भगवद्गीता के अध्याय 1 क 2 और 3 श्लोक का आधुनिक युग में महत्व
जो भी नकारात्मक विचार हैं ,वह आपके सकारात्मक विचारों कि ताकत का आकलन कर के ही आप पर हावी होते हैं |
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Importance of Adhyay 1, 2 and 3 verses of Bhagavad Gita in the modern era
Whatever negative thoughts are, they dominate you only by assessing the power of your positive thoughts.
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2. गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 1)
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1. गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 2 और 3)
2. सीखाती है
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