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श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक )

 श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक )


श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक )

गीता के अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक सस्कृत में


निमित्तानि च पश्यामि विपरीतानि केशव |
न च श्रेयोऽनुपश्यामि हत्वा स्वजनमहवे || 31||

न काङ्क्षे विजयं कृष्ण न च राज्यं सुखनि च |
किं नो राज्येन गोविंद किं भोगर्जिवितेन वा || 32||

येषामर्थे काङ्क्षितं नो अशं भोगः सुखनि च |
त इमेऽवस्थिता युद्धे प्राणानस्त्यक्त्वा धनानि च || 33||

आचार्य: पितर: पुत्रस्तथैव च पितामह: |
मातुला: श्वशुरा: पौत्रा: श्याला:संबंधिनस्तथा || 34||



गीता के अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक हिंदी में


अर्जुन जी कहते हैं की ,मैं केवल दुर्भाग्य के लक्षण देखता हूं। मुझे अपने ही स्वजनों को मारने में किसी भी तरह का फायदा नज़र नहीं आता | 31|

हे कृष्ण, मुझे ना विजय की इच्छा है और ना ही राज्य और सुखों की ,हे गोविंद हमे ऐसे राज्य से क्या लाभ है तथा ऐसे भोगों और जीवन से क्या 
लाभ | 32|

हम जिनके लिये राज्य, भोग और सुख आदि इच्छित हैं, वे ही ये सब धन और जीवन की इच्छा को छोड़कर युद्ध की लिए खड़े हैं ।33|

युद्ध में आचार्य , ताऊ-चाचे, पुत्र और उसी प्रकार दादे, मामे, ससुर, पौत्र, साले तथा और भी सम्बन्धी लोग हैं |34|



गीता के अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोकों का आज के युग में महत्व हिंदी में

जब भी कोई व्यक्ति अपनी इच्छा के अनुसार अपने लक्ष्य की प्राप्ति के लिए कार्य करना चाहता है तब कई बार उसे लगता है की हर कोई उस के विरुद्ध होगा और इस डर से वह सोचने लग जाता है की उस विजय से क्या लाभ ,जब अपने ही साथ ना हों |

सुंदर विचार,Suvichar


आज का सुविचार


अंधे व्यक्ति का सहारा उस
की छड़ी ही होती है ,लेकिन
अगर उसे दिखने लग जाये
तो सबसे पहले वह उसी
छड़ी को फैकता है |

TODAY'S THOUGHT

The support of a blind person is his stick, 
but if he starts seeing, then first of all he
Throws the stick.
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श्रीमद्भगवतगीता का आज के जीवन मे महत्व | गीता का महत्व | Geeta Gyan (अध्याय 1 के 28 से 30 श्लोक )

 श्रीमद्भगवतगीता का आज के जीवन मे महत्व | गीता  का महत्व 


दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा गीता का महत्व सकन्ध लेकर आई हूँ | Geeta Ka Mahatav हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | गीता का महत्व हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | गीता का महत्व पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |

श्रीमद्भगवतगीता का आज के जीवन मे महत्व | गीता  का महत्व  | Geeta Gyan

गीता के अध्याय 1 के 28 से 30 श्लोक सस्कृत में

कृपया परयाविष्टो विषीदत्रिदमब्रवीत्‌ ।
दृष्टेवमं स्वजनं कृष्ण युयुत्सुं समुपस्थितम्‌ ॥ (२८)

सीदन्ति मम गात्राणि मुखं च परिशुष्यति ।
वेपथुश्च शरीरे में रोमहर्षश्च जायते ॥ (२९)

गाण्डीवं स्रंसते हस्तात्वक्चैव परिदह्यते ।
न च शक्नोम्यवस्थातुं भ्रमतीव च मे मनः ॥ (३०)


गीता के अध्याय 1 के 28 से 30 श्लोक हिंदी में 


युद्ध क्षेत्र में डटे हुए युद्ध के अभिलाषी इस स्वजन समुदाय को देखकर,कुंती  पुत्र अर्जुन करुणा से अभिभूत हो गए और गहरे दुःख के साथ, निम्नलिखित शब्द बोले (28)

मेरे अंग थके हुए से लग  रहे हैं और मुख सूखा जा रहा है तथा मेरे शरीर में कम्पन्न हो रहा है (29)

मेरा धनुष( गाण्डीव ), मेरे हाथ से फिसल रहा है, और मेरी चमड़ी  जल रही है। मेरा मन दुविधा  में है और भ्रम में घूम रहा है, मैं अब अपने आप को स्थिर रखने में असमर्थ हूं (30)


गीता के अध्याय 1 के 28 से 30 श्लोकों का आज के युग में महत्व हिंदी में

हम चाहते हैं अपनी इच्छानुसार काम करना परन्तु जब हमें पता  चलता है की  आस पास के रिस्तेदार और सगे सम्बन्धी इस के विरुद्ध होंगे तो हमारा मन कुछ उदास हो जाता है और हमारी प्रतिभा छुपी रह जाती है l   


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स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार |Today's wise though

आज का सुविचार । स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार

दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार सकन्ध लेकर आई हूँ | स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार का महत्व हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |

स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार |Today's wise though


1.जीत उतनी ही शानदार होती है ,जितना उसके लिए किया संघर्ष बड़ा होता है |
2.खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है |
3.आप भगवान पे तभी विश्वास कर सकते हो जब आप खुद पे विश्वास करना सीख लेते हो |
4.ठोकरें खाने के बाद ही एक अच्छे चरित्र का निर्माण होता है |
5.जब तक आप व्यस्त हैं आप को काम आसान लगता है और आलसी व्यक्ति के लिए हर काम कठिन होता है |




आज का सुविचार । Aaj ka Suvichar , धन और भोजन

 आज का सुविचार । Aaj ka Suvichar


दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |



धन कमाना और भोजन खरीद कर खाना आसान है ,
पर
धन को अपने हाथों से परिवार के लिए खर्च करना और

अपनों के साथ बैठकर भोजन करना किसी भाग्यशाली को ही मिलता है |


आज का सुविचार । Aaj ka Suvichar , धन और भोजन



 

श्रीमद्भगवतगीता का महत्व | Geeta Ka Mahatav (अध्याय 1 के 12 से 19 श्लोक )

श्रीमद्भगवतगीता का  महत्व | Geeta Ka Mahatav (अध्याय 1 के 12 से 19 श्लोक )

दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा गीता का महत्व सकन्ध लेकर आई हूँ | Geeta Ka Mahatav हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | गीता का महत्व हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | गीता का महत्व पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |


श्रीमद्भगवतगीता का  महत्व | Geeta Ka Mahatav (अध्याय 1 के 12 से 19 श्लोक )

गीता के अध्याय 1 के 12 से 19 श्लोक संस्कृत में | गीता महत्व



तस्य संजनयन्हर्ष कुरुवृद्ध: पितामह: |
सिंहनादं विनद्योच्चै: शख्ङं दध्मौ प्रतापवान् ||1,12||

तत: शाख्ङश्च भेर्यश्च पणवानकगोमुखा: ।
सहसैवाभ्यहन्यन्त स शब्दस्तुमुलोऽभवत् ||1,13||

तत: श्वेतैर्हयैर्युक्ते महति स्यन्दने स्थितौ ।
माधव: पाण्डवश्चैव दिव्यौ शख्ङौ प्रदध्मतु: ||1,14||

पाज्चजन्यं ह्रषीकेशो देवदत्तं धनंजय: ।
पौण्ड्रं दध्मौ महाशख्ङं भीमकर्मा वृकोदर: ||1,15||

अनन्तविजयं राजा कुन्ती पुत्रो युधिष्ठिर: ।
नकुल: सहदेवश्च सुघोषमणिपुष्पकौ ||1,16||

काश्यश्च परमेष्वास: शिखण्डी च महारथ: ।
धृष्टद्युम्नो विराटश्च सात्यकिश्चापराजित: ||1,17||

द्रुपदो द्रौपदेयाश्चे सर्वश: पृथिवीपते ।
सौभद्रश्च महाबाहु: शख्ङान्दध्मु: पृथक्पृथक् ||1,18||

स घोषो धार्तराष्ट्राणां हृदयानि व्यदारयत् ।
नभश्च पृथिवीं चैव तुमुलो व्यनुनादयन् ||1,19||




गीता के अध्याय 1 के 12 से 19 श्लोक हिन्दी में | गीता महत्व


पितामह भीष्म ने दुर्योधन के हृदय में खुशी उत्पन्न करते हुए उच्च स्वर से शेर की दहाड़ के समान गरजकर शंख बजाया ||1,12||

इसके बाद शंख ,नगारे तथा ढोल, मृदंग और नरसिंघे आदि एक साथ ही बज उठे । वह शोर बड़ा ही भयंकर हुआ ||1,13||

इसके अनन्तर सफ़ेद घोडों से युक्त रथ में बैठे हुए श्रीकृष्ण महाराज और अर्जुन ने भी अलौकिक शंख बजाये ||1,14||

श्रीकृष्ण महाराज ने पाज्चजन्य , अर्जुन ने देवदत्त और भयानक कर्म वाले भीम ने पौण्ड्रक नामक क महाशंख बजाए ||1,15||

कुन्ती पुत्र राजा युधिष्ठिर ने अनन्त विजय , नकुल तथा सहदेव ने सुघोष और मणिपुष्पक नामक शंख बजाये ||1,16||

श्रेष्ठ धनुष वाले काशिराज, महारथी शिखण्डी,धृष्टद्युम्न , राजा विराट और अजेय सात्यकि ||1,17||

राजा द्रुपद , द्रौपदी के पाँचों पुत्र और बड़ी भुजावाले सुभद्रा पुत्र अभिमन्यु ने हर तरफ से अलग-अलग शंख बजाये ||1,18||

और उस भयानक घोष ने धृतराष्ट्र का हृदय विदीर्ण कर दिया तथा आकाश और पृथ्वी को भी गुंजाएमान कर दिया ||1,19||



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गीता के अध्याय 1 के 12 से 19 श्लोकों का आज के युग मे महत्व हिन्दी में | गीता महत्व


नकारात्मकता हमेशा हावी होने की कोशिश करती है अतः जब भी मन में निराशा आने लगे तब अडिग होके खड़े हो जाओ और आशा की किरण के साथ एक ऐसा जयघोष करो की पूरा ब्रह्मांड आप के आगे झुक जाये और आप अपना उद्देश्य हासिल कर सको |




अन्य पढ़ें

1.     धन और भोजन 

2.     चलता चला गया 



आज का सुविचार । Suvichar (चलता चला गया)

आज का सुविचार । Suvichar  (चलता चला गया)


दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |

 


रुका नहीं थका नहीं ,

चलता चला गया |

मंजिल को पाने की चाह थी ऐसी ,

की बढ़ता ही  चला गया ||


आज का सुविचार । Suvichar  (चलता चला गया)



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1.     गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 12 से 19)

2.     रुका था 

 

आज का सुविचार । Aaj Ka Jeevan Mantra (रुका था)

आज का सुविचार । Aaj Ka Jeevan Mantra (रुका था) 


दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |


जले हुए ख्वावों की राख़ से मकान बना दिया |
रुका था कुछ वक्त तक ,
देर से ही सही ,
जो भी चाहा वो मुकाम पा लिया ||


आज का सुविचार । Aaj Ka Jeevan Mantra (रुका था)




 

श्रीमद्भगवतगीता का महत्व | Geeta Ka Mahatav ( अध्याय 1 के 7 से 11 श्लोक )

 श्रीमद्भगवतगीता का महत्व | Geeta Ka Mahatav    ( अध्याय 1 के  7 से 11 श्लोक )

दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा गीता का महत्व सकन्ध लेकर आई हूँ | Geeta Ka Mahatav हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | गीता का महत्व हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | गीता का महत्व पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |

श्रीमद्भगवतगीता का महत्व | Geeta Ka Mahatav ( अध्याय 1 के  7 से 11 श्लोक )

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गीता के अध्याय 1 के  7 से 11  श्लोक संस्कृत में 


अस्माकं तु विशिष्टा ये तान्निबोध द्विजोत्तम।

नायका मम सैन्यस्य सञ्ज्ञार्थं तान्ब्रवीमि ते॥1-7॥


भवान्भीष्मश्च कर्णश्च कृपश्च समितिञ्जयः।
अश्वत्थामा विकर्णश्च सौमदत्तिस्तथैव च॥1-8॥


अन्ये च बहवः शूरा मदर्थे त्यक्तजीविताः।
नानाशस्त्रप्रहरणाः सर्वे युद्धविशारदाः॥1-9॥

अपर्याप्तं तदस्माकं बलं भीष्माभिरक्षितम्‌।

पर्याप्तं त्विदमेतेषां बलं भीमाभिरक्षितम्‌ ॥1-10॥


अयनेषु च सर्वेषु यथाभागमवस्थिताः।

भीष्ममेवाभिरक्षन्तु भवन्तः सर्व एव हि॥1-11॥

 

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गीता के अध्याय 1 के 7 से 11  श्लोक हिन्दी में | गीता महत्व


हे ब्राह्मणों के पूज्य ,हमारी तरफ से युद्ध मे जो शामिल हैं उन्हे आप समझ लीजिये | मेरी सेना के जो जो सेनापति हैं ,उनको भी मैं बतलाता हूँ ||7||


इस युद्ध में आप द्रोणाचार्य ,पीतमाह भीष्म ,कर्ण ,और कृपाचार्य ,अश्वथामा ,विकर्ण और सोमदत्त का पुत्र भूरिश्रवा है ||8||


कई तरह की शस्त्रविद्या और युद्धकला मे निपुण और भी बहुत से शूरवीर हैं जो मेरे लिए प्राणों की आहुति देने के लिए तैयार हैं ||9||


भीष्म द्वारा रक्षित हमारी सेना को जीतना मुश्किल है, वहीं भीम द्वारा रक्षित इन लोगों की सेना को जीतना आसान है ||10||


अतः आप सभी लोग मोर्चों पर अपनी अपनी जगह रहते हुए सभी तरह से भीष्मपितामह की ही रक्षा करें ||11|| 

 



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गीता के अध्याय 1 के 7 से 11  श्लोकों का आज के युग मे महत्व  हिन्दी में | गीता महत्व

 

दुष्ट प्रकृति के व्यक्ति को हमेशा लगता है की वह ही केवल अजय है और अन्य जो उस की विरोधी प्रकृति है उसे जीतना आसान है | इस का अर्थ हुआ, कि आप अगर दुष्ट भावनाओं को सुदृढ़ करते हैं तो आप के अंदर कि सकारत्मक भावनाएं समाप्त हो जाएंगी |

 

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1.     रुका था 

2.     जलते रहे 


आज का सुविचार । Aaj Ka Jeevan Mantra (जलते रहे )

 

आज का सुविचार । Aaj Ka Jeevan Mantra (जलते रहे )


दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |

 

आज का विचार

मंजिल तक पहुँचने की चाहत थी ऐसी ,

गिरे कई बार फिर भी संभलते रहे ।

तूफानों ने कोशिश बहुत की

पर हम वो चिराग थे जो हवाओं मे

भी जलते  रहे ॥


आज का सुविचार । Aaj Ka Jeevan Mantra (जलते रहे )

 

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1.   गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 7 से 11) 

2.   ओझल  

 

आज का सुविचार | Aaj Ka Vichar (ओझल)

 आज का सुविचार | Aaj Ka Vichar | 


दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |


आज का सुविचार | Aaj Ka Vichar


हिन्दी में आज का विचार | आज का सुविचार


नकारात्मक सोच, खुशियाँ होते हुए भी उन्हें आँखों से ओझल ही रखती है |

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Today's Thought in English |Aaj ka Vichar in English


Negative thinking keeps happiness out of sight.

अन्य पढ़ें

1.      जलते रहे 

2.     मंजिल

Aaj Ka Suvichar | आज का सुविचार (मंजिल)

Aaj Ka Suvichar | आज का सुविचार (मंजिल)


दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |

हिन्दी मेें आज का विचार | आज का सुविचार


मुर्दा के साथ समशान जाते हो तो यह मत सोचो कि आप उसे मंजिल की ओर लेके जा रहे हो, बल्कि वह आप को बता रहा है की राम का नाम ही सच है बाकी सभी की मंजिल एक है ।

Aaj Ka Suvichar | आज का सुविचार (मंजिल)


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Today's Thought in English |Aaj ka Vichar in English


If you goto samshan with the dead, do not think that you are taking him towards the destination, rather he is telling you that the name of Ram only is true and everyone else's destination is the same.

अन्य पढ़ें

1.     गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 7 से 11 )

2.     ओझल 

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 4 से 6 श्लोक )

 श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 4 से 6 श्लोक )

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 4 से 6 श्लोक )



लगभग 5000 वर्ष पहले  युद्ध के मध्य दिया गया एक हिन्दु धर्मोपदेश जिसे 18 अध्यायों और 700 श्लोकों में संजोया गया श्रीमद्भगवद्गीता का महत्व ,आज भी पूरे विश्व के लिए एक विश्लेषण का विषय है |जब हम  गीता को पढ़ते हैं तो पाते हैं कि यह धर्मोपदेश जो कई बर्षों पहले दिया गया आज के युग में भी उतना ही कारगर है जितना उस समय था |

मैं आप को हर रोज गीता के एक श्लोक का हिन्दी व English अर्थ बताऊँगी व यह भी बताने कि कोशिश करूँगी कि आज के आधुनिक युग में आप इसे कैसे कारगर सावित कर सकते हैं |श्रीमद्भगवद्गीता का महत्व 

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भगवद्गीता अध्याय 1

श्लोक 4 से 6

संस्कृत

सञ्जय उवाच

अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि

युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथ:        || 4||


धृष्टकेतुश्चेकितान: काशिराजश्च वीर्यवान् |

पुरुजित्कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुङ्गव: 

|| 5||


युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च 

वीर्यवान् |

सौभद्रो द्रौपदेयाश्च सर्व एव महारथा: 

|| 6||

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भगवद्गीता अध्याय 1

श्लोक 4 से 6 

हिन्दी में अनुवाद

इस सेना में भीम तथा अर्जुन के समान युद्ध करने वाले महारथी युयुधान, विराट तथा द्रुपद  जैसे अनेक वीर धनुर्धर हैं  ||4||


इनके साथ ही धृष्टकेतु, चेकितान, काशिराज, विर्यवान पुरुजित्, कुन्तिभोज तथा मनुष्यों में श्रेष्ठ शैब्य जैसे योद्धा भी हैं ||5||


शूरवीर युधामन्यु, अत्यन्त बलवान उत्तमौजा, सुभद्रा का पुत्र अभिमन्यु तथा द्रोपदी के पाँचो पुत्र , ये सभी महारथी हैं ||6||


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भगवद्गीता के अध्याय 4 से 6 श्लोक का आधुनिक युग में महत्व 


आप का शत्रु ,जानता है कि आप के अन्दर दिव्य गुणों जैसी ताकते कूट- कूट कर भरी हुई हैं |

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Importance of Adhyay 1,  verses 4 to 6 of Bhagavad Gita in the modern era 


Your enemy knows that you are filled with divine qualities like forces inside you.

अन्य पढ़ें

1.     मंजिल

2.      गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 2 और 3)



श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 2 से 3 श्लोक )

 श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 2 से 3 श्लोक )


श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 2 से 3 श्लोक )
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लगभग 5000 वर्ष पहले  युद्ध के मध्य दिया गया एक हिन्दु धर्मोपदेश जिसे 18 अध्यायों और 700 श्लोकों में संजोया गया श्रीमद्भगवद्गीता का महत्व ,आज भी पूरे विश्व के लिए एक विश्लेषण का विषय है |जब हम  गीता को पढ़ते हैं तो पाते हैं कि यह धर्मोपदेश जो कई बर्षों पहले दिया गया आज के युग में भी उतना ही कारगर है जितना उस समय था |


मैं आप को हर रोज गीता के एक श्लोक का हिन्दी व English अर्थ बताऊँगी व यह भी बताने कि कोशिश करूँगी कि आज के आधुनिक युग में आप इसे कैसे कारगर सावित कर सकते हैं |श्रीमद्भगवद्गीता का महत्व 

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भगवद्गीता अध्याय 1

श्लोक 2 और 3

संस्कृत


सञ्जय उवाच


दृष्ट्वा तु पाण्डवानीकं व्यूढं 

दुर्योधनस्तदा |

आचार्यमुपसंग्म्य राजा वचनब्रवीत् ||2||


पश्यैतां पाण्डुपुत्राणामाचार्य महतीं 

चमूम |

व्यूढां द्रुपदपुत्रेण तव शिष्येण धीमता ||3||

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भगवद्गीता अध्याय 1

श्लोक 1 और 2

हिन्दी में अनुवाद


संजय ने कहा 

दुर्योधन, पाण्डवों की सेना कि व्यूह रचना देखकर ,द्रोणाचार्य के पास जा कर यह वचन बोले || 2||


हे आचार्य ,पाण्डवों कि इस बड़ी भारी सेना को देखिए |

जो आपके शिष्य द्रुपदपुत्र धृष्टद्युम्न द्वारा रचित व्यूह में खड़ी है ||2||


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 भगवद्गीता के अध्याय 1 क 2 और 3 श्लोक का आधुनिक युग में महत्व 


जो भी नकारात्मक विचार हैं ,वह आपके सकारात्मक विचारों कि ताकत का आकलन कर के ही आप पर हावी होते हैं |


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Importance of Adhyay 1, 2 and 3 verses of Bhagavad Gita in the modern era 


Whatever negative thoughts are, they dominate you only by assessing the power of your positive thoughts.


अन्य पढ़ें

1.     गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 4 से 6)

2.     गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 1)


Aaj Ka Vichar | अगर आप 18 बर्ष के हो गए हैं तो इन बातों का ध्यान रखें

Aaj Ka Vichar | अगर आप 18 बर्ष के हो गए हैं तो इन बातों का ध्यान रखें

दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |

Aaj Ka Vichar | अगर आप 18 बर्ष के हो गए हैं तो इन बातों का ध्यान रखें




आज का विचार हिन्दी में | Aaj Ka Vichar in Hindi


अगर आप 18 बर्ष के हो गए हैं तो इन बातों का ध्यान रखें

1. अश्लील चीजों से दूर रहें |

2. निवेश के तरीके सीखें |

3. व्यापार पर पुस्तकें पढ़ें |

4. कम से कम 500 रूपये कि SIP शुरू कर दें |

5. गलत आदतों और लोगों से दूरी बना  लें |

6. रोज सुबह योगासन और व्यायाम जरूर करें |


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Today's Thought in English |Aaj ka Vichar in English


If you are 18 years old then keep these things in mind 

1. Stay away from obscene things. 

2. Learn how to invest. 

3. Read Books on Business. 

4. Start SIP of at least Rs.500. 

5. Keep away from bad habits and people. 

6. Do yoga and exercise every morning.


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2.     हमेशा दूर रहें 


आज का विचार | Today's Thought (छोड़ दो )

आज का विचार |  Today's Thought (छोड़ दो ) 

आज का विचार |  Today's Thought


Vichaar बनाए जिन्दगी और उन विचारों में Suvichar होना बहुत जरूरी हैं | रोज पढ़ें Aaj Ka Vichar और जीवन में प्रसन्नता लाएँ | आज का विचार आप कि जिन्दगी बदल सकता है अगर ढंग से विचार का अनुसरण किया जाए |यहाँ आप को Aaj Ka Vichaar Hindi,English, Bangla,Tamil और Nepali भाषाओं में मिलेगा तो शेयर करें और Comment भी करें |

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आज का विचार हिन्दी में | Aaj Ka Vichar in Hindi

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पांच चीजें आज से ही छोड़ दो 

1.  अपने को दूसरों से कम समझना | 

2.  दूसरों कि आँखों में अच्छा दिखने  के लिए काम करना | 

3.  भूतकाल के लिए रोते रहना | 

4.  अपनी इच्छाओं को दबाना | 

5.  ज्यादा सोचना | 


Today's Thought in English || Aaj ka Vichar in English

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Give up five things from today

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1. Consider yourself less than others.

2. Working to look good in the eyes of others.

3. Weeping for the past.

4. Suppressing your desires.

5. Overthinking.




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1.    बाइक

2.     कद्र

आज का विचार | Today's Thought (कद्र )

आज का विचार |  Today's Thought (कद्र )

आज का विचार |  Today's Thought


दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |

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आज का विचार हिन्दी में | Aaj Ka Vichar in Hindi


कद्र  उसी की करो जिसने समय पर  आप का साथ दिया हो | 

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Today's Thought in English || Aaj ka Vichar in English


Appreciate the one who has supported you on time.


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