हास्य व्यंग्य || हास्य शायरी || Hasya Shyari || शायरी || दारू पर शायरी

हास्य व्यंग्य 
 || हास्य शायरी || Hasya Shyari || शायरी


दारू पर शायरी

1. 


हाथों में तेरे मय का प्याला, 
मस्ती में झूमे जा रहा है तू |
ये पीना और पिलाना जिसने सिखाया,

उसे ही घूरे जा रहा है तू ||

2.

मय जब से तू पीने लगा है, 
असर आँखों पे दिखने लगा है |
मस्ती सी रहती है चाल में तेरी, 

बोतल पे तेरा भी असर दिखने लगा है ||

3.

खाली ये बोतल, किनारे फैंक कर, 
नहीं पी तूने, बैठा है यह मानकर|
बोतल भरी पड़ी है, अलमारी में, 
ललचाए जा रहा  यह जानकर |
जैसे ही उठाने को हुआ बोतल, 
खड़ा हो भी ना पाया पैरों पर ||

Himachali Kavita || हिमाचली कविता || Himachali Song || हिमाचली गाने ||हिमाचली व्याह

Himachali Kavita || हिमाचली कविता || Himachali Song  || हिमाचली गाने
हिमाचली व्याह


कुर्सियाँ लाईयाँ, टैंट लगाया |
रंग रोगन करी, घर सजाया |
नूरपुरे ते कित्ते बाजे आले |
घरा दा ही पंडत सदाया |





धाम सारेयाँ ते खरी हो |
ताँ ही खरा वोटी सदाया |
दोसताँ जो कियाँ मैं भुल्ली सकदा |
शराबा कन्ने सोडा भी मंगाया |



परौणे बारी बारी लग्गे आणा |
कुड़ियाँ लग्गी गीताँ गाणा |
दोस्त पी खाई मस्त होई गए |
करना लग्गे नाच कन्ने गाणा |



सेहरा चढ़ेया दुल्हा बणेआ |
हुण मुन्डू बराती लई चलेया |
बरात हर ठेके पर रूक्की |
ताँ भी टैमा दा लगन लगेया |


नुँआँ लई नै घरा जो आए |
बड्डे बुड्ढेयाँ दे पैर बंदाए |
दोस्ते भिरी रज्जी नै पिती |
सारेयां खुशी खुशी व्याह बर्ताया |

Best Motivational Speech in Hindi || बेहतरीन प्रेरणादायक स्पीच ||आदमी की औकात ?

Best Motivational Speech in Hindi || बेहतरीन प्रेरणादायक स्पीच
आदमी की औकात ?औकात याद रखो सब सही रहेगा

आप कमा रहे हो किस के लिए ? किस की आकाँक्षाओं को पूरा करना चाहते हो |क्या किसी के जाने से बाद में रहने बाले कि जिन्दगी रुक जाती है? क्या आप अपने लिए कुछ कर पाए? क्या आप वो जिन्दगी जी पाए जिस की कल्पना आप ने कभी की थी?

कितने ही प्रश्न हैं लेकिन शायद जबाब के लिए आप को सोचना पड़ जाएगा |आज एक बिमारी ने सारी दुनिया को औकात दिखा दी है |आप की औकात आप को बता दी है |चाहे आप कितने भी अमीर हों अगर कोई भी  संक्रमण जो किसी भी नज़दीक रहने बाले को हो सकता है, आप को हो गया तो ना पैसा काम आएगा न धर्म कर्म |अपने भी आप से दूर भागेंगे |
आज के हालात सब बयान कर रहे हैं | अपना कोई नहीं लग रहा सब पराए हुए पड़े हैं |जो कभी परिवार का पेट पालने बाहर गए थे वे जब घर आ रहे हैं तो सभी बस उन्हें उलाहना देने में लगे हैं ,पता है क्या बोलते हैं "जब मौत दिख रही है तो गाँव कि याद आई " |अरे बेवकूफों उन्हें अपने गांव से प्रेम यहाँ लेकर आया है ,वे जानते हैं गाँव में अभी भी इनसानियत बाकी है, यहाँ सब साथ देने बाले होगें |पर मौत का डर इनसानियत भुला चुका है |

भाईओ सभी से हाथ जोड़कर निवेदन है ,जहाँ हैं वहीं रहें, दुनिया में, इस दौर में कोई अपना नहीं है |
पर मैं कोई समाज सेवी नहीं  जो आपको सुधारने चली हूँ, पर एक बात जरूर कहँगी, क्या औकात पाई है इन्सान ने!
तो दोस्तों दूसरों कि चिन्ता छोड़ो वो आपके ना रहने पर भी जी लेंगे |अपनी जिन्दगी खुल के जीओ, अपनी सारी इच्छाएँ पूरी करो |अपनी भी कोई कहानी बनाओ |

अन्त में एेसा ना हो कि कोई इच्छा अधूरी रह जाए |खुल के जिओ,समय तुम्हारा है |भविष्य के गर्त में पता नहीं क्या लिखा है, तो क्यों चिन्ता करते हो, बस आज में जीओ |आज तुम्हारा है |







हास्य व्यंग्य शायरी || हास्य शायरी || Hasya Shyari || शायरी || Moon Shyari

हास्य व्यंग्य शायरी || हास्य शायरी || Hasya Shyari || शायरी


Moon Shyari


1

चाँद चढ़ आया फलक पे, रात घिर आई है |
रोम रोम फड़क रहे, मस्ति सी छाई है |
दिल में जो है आज सब को सुनाइए |
बड़ी मुद्दतों के बाद ये शाम आई है |

2

चाँद कि चाँदनी में जगमगा उठा है ये समा, 
मुम्किन नहीं था यह आप के बिना, 
चारों तरफ से नजरें हटाकर यहाँ भी देखिए हुज़ूर|
जो आज है वो कल ना होगा समा |

3

फूल कि कलियाँ तोड़ता गया, 
मिलेगी जीने कि वजह यह सोचकर, 
मतलबी ये दुनियां, कुछ ना होगा खोकर, 
ऱुक गई उँगलियाँ अंतिम कली पर, 
जितनी भी जिन्दगी है, हँस के व्यतीत कर, 
अंत में रोना ना पड़े नसीब पर |

Himachali Kavita || हिमाचली कविता || Himachali Song || हिमाचली गाने ||हिमाचली धाम

Himachali Kavita || हिमाचली कविता || Himachali Song  || हिमाचली गाने

हिमाचली धाम

सत सब्जियाँ ,मिट्ठा भत्त |
भानू बोटी, बोलदा ही मत |
मदरा, मूँगी, रैंटा बणदा |
माह, चणे कन्ने पलदा |


तीणी पर चरोटी रख |
छाबड़िया नै पाईता भत्त |
लट्टा पर रखी चरोटी |
भत्त निकलेया जियाँ मोती |

भत्ता ने डल्ला भरी ता |
हुण मदरा कन्ने पलदा रखी ता |
माह, चणे ,रैंटे कन्ने खट्टे जो तड़का |
बस बणाई सकदा भानू बड़का |
भुक्ख लगी ,होई तैयारी |
लोग चली पए सड़का सड़का |


पंदी बछाईयाँ पत्तर बंडी ते |
छाँदे सारेयां दे लग रखी ते |
मजे लाई सारेयां खादी |
धाम मजेदार लगदी सादी |


धाम ,तीणी पर चरोटिया च बणाणी |
सारेयां पंगती च बैठी नै खाणी |
परंपरा ए बड्डी पराणी |
ओ नी जाणदे जिना होटलाँ च खाणी |

Welcome Shayari ||शायरी ||स्वागतम शायरी

Welcome Shayari ||शायरी ||स्वागतम शायरी


1.

स्वागत है मेहमाँ,इस रंग भरी शाम में, 
फूल तो क्या है,दिल बिछाए हैं तेरी राह में, 
के तेरे लिए सजाई है महफिल, 
तेरे आने से जान आ गई, बिसरी सी चाह में |


2.

चाह थी इतनी सी, कि आप आएं ,
महफिल में मजा तुम्हीं से है, 
तुम्ही हो फूल खुशबू तुम्ही से है,


3.

शामें फुर्सत के मिले हैं, 
आओ कुछ बात करें|
शामें महफिल सजी है, 
आओ कुछ बात करें|
इन जुगनुओं कि टोली, 
बढ़ती रात की तरफ इशारा कर रही, 
टिमटिमाते तारों की छाँव है, 
आओ कुछ बात करें |