सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

संदेश

मई, 2020 की पोस्ट दिखाई जा रही हैं

VIRAL POST

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक )

 श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक ) गीता के अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक सस्कृत में निमित्तानि च पश्यामि विपरीतानि केशव | न च श्रेयोऽनुपश्यामि हत्वा स्वजनमहवे || 31|| न काङ्क्षे विजयं कृष्ण न च राज्यं सुखनि च | किं नो राज्येन गोविंद किं भोगर्जिवितेन वा || 32|| येषामर्थे काङ्क्षितं नो अशं भोगः सुखनि च | त इमेऽवस्थिता युद्धे प्राणानस्त्यक्त्वा धनानि च || 33|| आचार्य: पितर: पुत्रस्तथैव च पितामह: | मातुला: श्वशुरा: पौत्रा: श्याला:संबंधिनस्तथा || 34|| गीता के अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक हिंदी में अर्जुन जी कहते हैं की ,मैं केवल दुर्भाग्य के लक्षण देखता हूं। मुझे अपने ही स्वजनों को मारने में किसी भी तरह का फायदा नज़र नहीं आता | 31| हे कृष्ण, मुझे ना विजय की इच्छा है और ना ही राज्य और सुखों की ,हे गोविंद हमे ऐसे राज्य से क्या लाभ है तथा ऐसे भोगों और जीवन से क्या  लाभ | 32| हम जिनके लिये राज्य, भोग और सुख आदि इच्छित हैं, वे ही ये सब धन और जीवन की इच्छा को छोड़कर युद्ध की लिए खड़े हैं ।33| युद्ध में आचार्य , ताऊ-चाचे, पुत्र और उसी प्रका

शायरी | दारू पर शायरी

 शायरी  | दारू पर शायरी दारू पर शायरी 1.  हाथों में तेरे मय का प्याला,  मस्ती में झूमे जा रहा है तू | ये पीना और पिलाना जिसने सिखाया, उसे ही घूरे जा रहा है तू || 2. मय जब से तू पीने लगा है,  असर आँखों पे दिखने लगा है | मस्ती सी रहती है चाल में तेरी,  बोतल पे तेरा भी असर दिखने लगा है || 3. खाली ये बोतल, किनारे फैंक कर,  नहीं पी तूने, बैठा है यह मानकर| बोतल भरी पड़ी है, अलमारी में,  ललचाए जा रहा  यह जानकर | जैसे ही उठाने को हुआ बोतल,  खड़ा हो भी ना पाया पैरों पर || और पढ़ें  1.    चाँद शायरी  2.      मून शायरी 

Himachali Kavita | हिमाचली कविता (हिमाचली व्याह)

Himachali Kavita | हिमाचली कविता (हिमाचली व्याह) हिमाचली व्याह कुर्सियाँ लाईयाँ, टैंट लगाया | रंग रोगन करी, घर सजाया | नूरपुरे ते कित्ते बाजे आले | घरा दा ही पंडत सदाया | धाम सारेयाँ ते खरी हो | ताँ ही खरा वोटी सदाया | दोसताँ जो कियाँ मैं भुल्ली सकदा | शराबा कन्ने सोडा भी मंगाया | परौणे बारी बारी लग्गे आणा | कुड़ियाँ लग्गी गीताँ गाणा | दोस्त पी खाई मस्त होई गए | करना लग्गे नाच कन्ने गाणा | सेहरा चढ़ेया दुल्हा बणेआ | हुण मुन्डू बराती लई चलेया | बरात हर ठेके पर रूक्की | ताँ भी टैमा दा लगन लगेया | नुँआँ लई नै घरा जो आए | बड्डे बुड्ढेयाँ दे पैर बंदाए | दोस्ते भिरी रज्जी नै पिती | सारेयां खुशी खुशी व्याह बर्ताया | अन्य कवितायें  मेरी लाड़ी  हिमाचली धाम 

Best Motivational Speech in Hindi | बेहतरीन प्रेरणादायक स्पीच (आदमी की औकात )

Best Motivational Speech in Hindi | बेहतरीन प्रेरणादायक स्पीच (आदमी की औकात ) आप कमा रहे हो किस के लिए ? किस की आकाँक्षाओं को पूरा करना चाहते हो |क्या किसी के जाने से बाद में रहने बाले कि जिन्दगी रुक जाती है? क्या आप अपने लिए कुछ कर पाए? क्या आप वो जिन्दगी जी पाए जिस की कल्पना आप ने कभी की थी? कितने ही प्रश्न हैं लेकिन शायद जबाब के लिए आप को सोचना पड़ जाएगा |आज एक बिमारी ने सारी दुनिया को औकात दिखा दी है |आप की औकात आप को बता दी है |चाहे आप कितने भी अमीर हों अगर कोई भी  संक्रमण जो किसी भी नज़दीक रहने बाले को हो सकता है, आप को हो गया तो ना पैसा काम आएगा न धर्म कर्म |अपने भी आप से दूर भागेंगे | आज के हालात सब बयान कर रहे हैं | अपना कोई नहीं लग रहा सब पराए हुए पड़े हैं |जो कभी परिवार का पेट पालने बाहर गए थे वे जब घर आ रहे हैं तो सभी बस उन्हें उलाहना देने में लगे हैं ,पता है क्या बोलते हैं "जब मौत दिख रही है तो गाँव कि याद आई " |अरे बेवकूफों उन्हें अपने गांव से प्रेम यहाँ लेकर आया है ,वे जानते हैं गाँव में अभी भी इनसानियत बाकी है, यहाँ सब साथ देने बाले होगें |प

हास्य व्यंग्य शायरी | Hasya Shyari (Moon Shyari)

हास्य व्यंग्य शायरी | Hasya Shyari (Moon Shyari) Moon Shyari 1 चाँद चढ़ आया फलक पे, रात घिर आई है | रोम रोम फड़क रहे, मस्ति सी छाई है | दिल में जो है आज सब को सुनाइए | बड़ी मुद्दतों के बाद ये शाम आई है | 2 चाँद कि चाँदनी में जगमगा उठा है ये समा,  मुम्किन नहीं था यह आप के बिना,  चारों तरफ से नजरें हटाकर यहाँ भी देखिए हुज़ूर| जो आज है वो कल ना होगा समा | 3 फूल कि कलियाँ तोड़ता गया,  मिलेगी जीने कि वजह यह सोचकर,  मतलबी ये दुनियां, कुछ ना होगा खोकर,  ऱुक गई उँगलियाँ अंतिम कली पर,  जितनी भी जिन्दगी है, हँस के व्यतीत कर,  अंत में रोना ना पड़े नसीब पर | और पढ़ें  1.     दारू शायरी  2.      स्वागत शायरी 

Himachali Kavita | हिमाचली कविता (हिमाचली धाम)

Himachali Kavita | हिमाचली कविता (हिमाचली धाम) हिमाचली धाम सत सब्जियाँ ,मिट्ठा भत्त | भानू बोटी, बोलदा ही मत | मदरा, मूँगी, रैंटा बणदा | माह, चणे कन्ने पलदा | तीणी पर चरोटी रख | छाबड़िया नै पाईता भत्त | लट्टा पर रखी चरोटी | भत्त निकलेया जियाँ मोती | भत्ता ने डल्ला भरी ता | हुण मदरा कन्ने पलदा रखी ता | माह, चणे ,रैंटे कन्ने खट्टे जो तड़का | बस बणाई सकदा भानू बड़का | भुक्ख लगी ,होई तैयारी | लोग चली पए सड़का सड़का | पंदी बछाईयाँ पत्तर बंडी ते | छाँदे सारेयां दे लग रखी ते | मजे लाई सारेयां खादी | धाम मजेदार लगदी सादी | धाम ,तीणी पर चरोटिया च बणाणी | सारेयां पंगती च बैठी नै खाणी | परंपरा ए बड्डी पराणी | ओ नी जाणदे जिना होटलाँ च खाणी | अन्य कवितायें  हिमाचली व्याह  पराणा कन्ने नौवां 

Welcome Shayari | शायरी (स्वागतम शायरी)

Welcome Shayari | शायरी (स्वागतम शायरी) 1. स्वागत है मेहमाँ,इस रंग भरी शाम में,  फूल तो क्या है,दिल बिछाए हैं तेरी राह में,  के तेरे लिए सजाई है महफिल,  तेरे आने से जान आ गई, बिसरी सी चाह में | 2. चाह थी इतनी सी, कि आप आएं , महफिल में मजा तुम्हीं से है,  तुम्ही हो फूल खुशबू तुम्ही से है, 3. शामें फुर्सत के मिले हैं,  आओ कुछ बात करें| शामें महफिल सजी है,  आओ कुछ बात करें| इन जुगनुओं कि टोली,  बढ़ती रात की तरफ इशारा कर रही,  टिमटिमाते तारों की छाँव है,  आओ कुछ बात करें | और पढ़ें  1.    मून शायरी