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श्रीमद्भगवतगीता का आज के जीवन मे महत्व | गीता का महत्व | Geeta Gyan (अध्याय 1 के 28 से 30 श्लोक )

 श्रीमद्भगवतगीता का आज के जीवन मे महत्व | गीता  का महत्व 


दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा गीता का महत्व सकन्ध लेकर आई हूँ | Geeta Ka Mahatav हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | गीता का महत्व हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | गीता का महत्व पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |

श्रीमद्भगवतगीता का आज के जीवन मे महत्व | गीता  का महत्व  | Geeta Gyan

गीता के अध्याय 1 के 28 से 30 श्लोक सस्कृत में

कृपया परयाविष्टो विषीदत्रिदमब्रवीत्‌ ।
दृष्टेवमं स्वजनं कृष्ण युयुत्सुं समुपस्थितम्‌ ॥ (२८)

सीदन्ति मम गात्राणि मुखं च परिशुष्यति ।
वेपथुश्च शरीरे में रोमहर्षश्च जायते ॥ (२९)

गाण्डीवं स्रंसते हस्तात्वक्चैव परिदह्यते ।
न च शक्नोम्यवस्थातुं भ्रमतीव च मे मनः ॥ (३०)


गीता के अध्याय 1 के 28 से 30 श्लोक हिंदी में 


युद्ध क्षेत्र में डटे हुए युद्ध के अभिलाषी इस स्वजन समुदाय को देखकर,कुंती  पुत्र अर्जुन करुणा से अभिभूत हो गए और गहरे दुःख के साथ, निम्नलिखित शब्द बोले (28)

मेरे अंग थके हुए से लग  रहे हैं और मुख सूखा जा रहा है तथा मेरे शरीर में कम्पन्न हो रहा है (29)

मेरा धनुष( गाण्डीव ), मेरे हाथ से फिसल रहा है, और मेरी चमड़ी  जल रही है। मेरा मन दुविधा  में है और भ्रम में घूम रहा है, मैं अब अपने आप को स्थिर रखने में असमर्थ हूं (30)


गीता के अध्याय 1 के 28 से 30 श्लोकों का आज के युग में महत्व हिंदी में

हम चाहते हैं अपनी इच्छानुसार काम करना परन्तु जब हमें पता  चलता है की  आस पास के रिस्तेदार और सगे सम्बन्धी इस के विरुद्ध होंगे तो हमारा मन कुछ उदास हो जाता है और हमारी प्रतिभा छुपी रह जाती है l   


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श्रीमद्भगवतगीता का महत्व | Geeta Ka Mahatav| गीता ज्ञान |Gita Significance(अध्याय 1 के 20 से 27 श्लोक )

 श्रीमद्भगवतगीता का  महत्व | Geeta Ka Mahatav| गीता ज्ञान |Gita Significance(अध्याय 1 के 20 से 27 श्लोक )

दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा गीता का महत्व सकन्ध लेकर आई हूँ | Geeta Ka Mahatav हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | गीता का महत्व हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | गीता का महत्व पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |

श्रीमद्भगवतगीता का  महत्व | Geeta Ka Mahatav| गीता ज्ञान |Gita Significance


गीता के अध्याय 1 के 20 से 27 श्लोक संस्कृत में | गीता महत्व


अथ व्यवस्थितान्दृष्ट्वा धार्तराष्ट्रान्‌ कपिध्वजः ।
प्रवृत्ते शस्त्रसम्पाते धनुरुद्यम्य पाण्डवः ॥ (20)

हृषीकेशं तदा वाक्यमिदमाह महीपते ।
सेनयोरुभयोर्मध्ये रथं स्थापय मेऽच्युत ॥ (21)

यावदेतान्निरीक्षेऽहं योद्धुकामानवस्थितान्‌ ।
कैर्मया सह योद्धव्यमस्मिन् रणसमुद्यमे ॥ (22)

योत्स्यमानानवेक्षेऽहं य एतेऽत्र समागताः ।
धार्तराष्ट्रस्य दुर्बुद्धेर्युद्धे प्रियचिकीर्षवः ॥ (23)

एवमुक्तो हृषीकेशो गुडाकेशेन भारत ।
सेनयोरुभयोर्मध्ये स्थापयित्वा रथोत्तमम्‌ ॥ (24)

भीष्मद्रोणप्रमुखतः सर्वेषां च महीक्षिताम्‌ ।
उवाच पार्थ पश्यैतान्‌ समवेतान्‌ कुरूनिति (25)

तत्रापश्यत्स्थितान्‌ पार्थः पितृनथ पितामहान्‌ ।
आचार्यान्मातुलान्भ्रातृन्पुत्रान्पौत्रान्सखींस्तथा ॥ (26)

श्वशुरान्‌ सुहृदश्चैव सेनयोरुभयोरपि ।
तान्समीक्ष्य स कौन्तेयः सर्वान्‌ बन्धूनवस्थितान्‌ ॥ (27)


गीता के अध्याय 1 के 20 से 27 श्लोक हिन्दी में | गीता महत्व

तदन्तर हनुमान से अंकित पताका वाले रथ पर आरूढ़ पाण्डु पुत्र अर्जुन ने धनुष उठाकर तीर चलाने की तैयारी के समय धृतराष्ट्र के पुत्रों को देखकर सर्वस्व ज्ञाता श्री कृष्ण से प्रार्थना करते हुए कहा कि हे अच्युत! कृपा करके मेरे रथ को दोनों सेनाओं के बीच में खडा़ करें। जिससे मैं युद्धभूमि में उपस्थित युद्ध की इच्छा रखने वालों को देख सकूँ कि इस युद्ध में मुझे किन-किन से एक साथ युद्ध करना है। (20-22)

मैं उनको भी देख सकूँ जो , यहाँ पर धृतराष्ट् के दुर्बुद्धि पुत्र दुर्योधन के हित की इच्छा से युद्ध करने के लिये इक्ट्ठा हुए हैं। (23)

अर्जुन द्वारा इस प्रकार कहे जाने पर श्रीकृष्ण जी ने दोनों सेनाओं के बीच में उस उत्तम रथ को खड़ा कर दिया। (24)

इस प्रकार भीष्म पितामह, आचार्य द्रोण तथा संसार के सभी राजाओं के पास जाकर श्रीकृष्ण जी कहा कि हे पार्थ! युद्ध के लिए एकत्रित हुए इन सभी कुरु वंश के सद्स्यों को देख। (25)

वहाँ अर्जुन ने अपने ताऊओं-चाचाओं , दादों-परदादों , गुरुओं , मामाओं , भाइयों , पुत्रों , पौत्रों और मित्रों को देखा। (26)

कुन्ती-पुत्र अर्जुन ने ससुरों को और शुभचिन्तकों सहित दोनों तरफ़ की सेनाओं में अपने ही सभी सम्बन्धियों को देखा। (27)

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गीता के अध्याय 1 के 20 से 27 श्लोकों का आज के युग मे महत्व हिन्दी में | गीता महत्व

जब आप सभी ने मन में जीत का प्रण कर लिया है तो एक बार अपनी कमजोरियों और अवगुणों पर भी ध्यान दो | एक बार देख लो कि आप के यह शत्रु कितने बलशाली हैं और आप को किस के साथ युद्ध करना है और उसी के अनुरूप तैयारी रखो |




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स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार |Today's wise though

आज का सुविचार । स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार

दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार सकन्ध लेकर आई हूँ | स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार का महत्व हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |

स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार |Today's wise though


1.जीत उतनी ही शानदार होती है ,जितना उसके लिए किया संघर्ष बड़ा होता है |
2.खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है |
3.आप भगवान पे तभी विश्वास कर सकते हो जब आप खुद पे विश्वास करना सीख लेते हो |
4.ठोकरें खाने के बाद ही एक अच्छे चरित्र का निर्माण होता है |
5.जब तक आप व्यस्त हैं आप को काम आसान लगता है और आलसी व्यक्ति के लिए हर काम कठिन होता है |




आज का सुविचार । Aaj ka Suvichar , धन और भोजन

 आज का सुविचार । Aaj ka Suvichar


दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |



धन कमाना और भोजन खरीद कर खाना आसान है ,
पर
धन को अपने हाथों से परिवार के लिए खर्च करना और

अपनों के साथ बैठकर भोजन करना किसी भाग्यशाली को ही मिलता है |


आज का सुविचार । Aaj ka Suvichar , धन और भोजन



 

श्रीमद्भगवतगीता का महत्व | Geeta Ka Mahatav (अध्याय 1 के 12 से 19 श्लोक )

श्रीमद्भगवतगीता का  महत्व | Geeta Ka Mahatav (अध्याय 1 के 12 से 19 श्लोक )

दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा गीता का महत्व सकन्ध लेकर आई हूँ | Geeta Ka Mahatav हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | गीता का महत्व हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | गीता का महत्व पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |


श्रीमद्भगवतगीता का  महत्व | Geeta Ka Mahatav (अध्याय 1 के 12 से 19 श्लोक )

गीता के अध्याय 1 के 12 से 19 श्लोक संस्कृत में | गीता महत्व



तस्य संजनयन्हर्ष कुरुवृद्ध: पितामह: |
सिंहनादं विनद्योच्चै: शख्ङं दध्मौ प्रतापवान् ||1,12||

तत: शाख्ङश्च भेर्यश्च पणवानकगोमुखा: ।
सहसैवाभ्यहन्यन्त स शब्दस्तुमुलोऽभवत् ||1,13||

तत: श्वेतैर्हयैर्युक्ते महति स्यन्दने स्थितौ ।
माधव: पाण्डवश्चैव दिव्यौ शख्ङौ प्रदध्मतु: ||1,14||

पाज्चजन्यं ह्रषीकेशो देवदत्तं धनंजय: ।
पौण्ड्रं दध्मौ महाशख्ङं भीमकर्मा वृकोदर: ||1,15||

अनन्तविजयं राजा कुन्ती पुत्रो युधिष्ठिर: ।
नकुल: सहदेवश्च सुघोषमणिपुष्पकौ ||1,16||

काश्यश्च परमेष्वास: शिखण्डी च महारथ: ।
धृष्टद्युम्नो विराटश्च सात्यकिश्चापराजित: ||1,17||

द्रुपदो द्रौपदेयाश्चे सर्वश: पृथिवीपते ।
सौभद्रश्च महाबाहु: शख्ङान्दध्मु: पृथक्पृथक् ||1,18||

स घोषो धार्तराष्ट्राणां हृदयानि व्यदारयत् ।
नभश्च पृथिवीं चैव तुमुलो व्यनुनादयन् ||1,19||




गीता के अध्याय 1 के 12 से 19 श्लोक हिन्दी में | गीता महत्व


पितामह भीष्म ने दुर्योधन के हृदय में खुशी उत्पन्न करते हुए उच्च स्वर से शेर की दहाड़ के समान गरजकर शंख बजाया ||1,12||

इसके बाद शंख ,नगारे तथा ढोल, मृदंग और नरसिंघे आदि एक साथ ही बज उठे । वह शोर बड़ा ही भयंकर हुआ ||1,13||

इसके अनन्तर सफ़ेद घोडों से युक्त रथ में बैठे हुए श्रीकृष्ण महाराज और अर्जुन ने भी अलौकिक शंख बजाये ||1,14||

श्रीकृष्ण महाराज ने पाज्चजन्य , अर्जुन ने देवदत्त और भयानक कर्म वाले भीम ने पौण्ड्रक नामक क महाशंख बजाए ||1,15||

कुन्ती पुत्र राजा युधिष्ठिर ने अनन्त विजय , नकुल तथा सहदेव ने सुघोष और मणिपुष्पक नामक शंख बजाये ||1,16||

श्रेष्ठ धनुष वाले काशिराज, महारथी शिखण्डी,धृष्टद्युम्न , राजा विराट और अजेय सात्यकि ||1,17||

राजा द्रुपद , द्रौपदी के पाँचों पुत्र और बड़ी भुजावाले सुभद्रा पुत्र अभिमन्यु ने हर तरफ से अलग-अलग शंख बजाये ||1,18||

और उस भयानक घोष ने धृतराष्ट्र का हृदय विदीर्ण कर दिया तथा आकाश और पृथ्वी को भी गुंजाएमान कर दिया ||1,19||



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गीता के अध्याय 1 के 12 से 19 श्लोकों का आज के युग मे महत्व हिन्दी में | गीता महत्व


नकारात्मकता हमेशा हावी होने की कोशिश करती है अतः जब भी मन में निराशा आने लगे तब अडिग होके खड़े हो जाओ और आशा की किरण के साथ एक ऐसा जयघोष करो की पूरा ब्रह्मांड आप के आगे झुक जाये और आप अपना उद्देश्य हासिल कर सको |




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1.     धन और भोजन 

2.     चलता चला गया 



आज का सुविचार । Suvichar (चलता चला गया)

आज का सुविचार । Suvichar  (चलता चला गया)


दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |

 


रुका नहीं थका नहीं ,

चलता चला गया |

मंजिल को पाने की चाह थी ऐसी ,

की बढ़ता ही  चला गया ||


आज का सुविचार । Suvichar  (चलता चला गया)



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1.     गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 12 से 19)

2.     रुका था 

 

आज का सुविचार । Aaj Ka Jeevan Mantra (रुका था)

आज का सुविचार । Aaj Ka Jeevan Mantra (रुका था) 


दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |


जले हुए ख्वावों की राख़ से मकान बना दिया |
रुका था कुछ वक्त तक ,
देर से ही सही ,
जो भी चाहा वो मुकाम पा लिया ||


आज का सुविचार । Aaj Ka Jeevan Mantra (रुका था)




 

श्रीमद्भगवतगीता का महत्व | Geeta Ka Mahatav ( अध्याय 1 के 7 से 11 श्लोक )

 श्रीमद्भगवतगीता का महत्व | Geeta Ka Mahatav    ( अध्याय 1 के  7 से 11 श्लोक )

दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा गीता का महत्व सकन्ध लेकर आई हूँ | Geeta Ka Mahatav हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | गीता का महत्व हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | गीता का महत्व पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |

श्रीमद्भगवतगीता का महत्व | Geeta Ka Mahatav ( अध्याय 1 के  7 से 11 श्लोक )

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गीता के अध्याय 1 के  7 से 11  श्लोक संस्कृत में 


अस्माकं तु विशिष्टा ये तान्निबोध द्विजोत्तम।

नायका मम सैन्यस्य सञ्ज्ञार्थं तान्ब्रवीमि ते॥1-7॥


भवान्भीष्मश्च कर्णश्च कृपश्च समितिञ्जयः।
अश्वत्थामा विकर्णश्च सौमदत्तिस्तथैव च॥1-8॥


अन्ये च बहवः शूरा मदर्थे त्यक्तजीविताः।
नानाशस्त्रप्रहरणाः सर्वे युद्धविशारदाः॥1-9॥

अपर्याप्तं तदस्माकं बलं भीष्माभिरक्षितम्‌।

पर्याप्तं त्विदमेतेषां बलं भीमाभिरक्षितम्‌ ॥1-10॥


अयनेषु च सर्वेषु यथाभागमवस्थिताः।

भीष्ममेवाभिरक्षन्तु भवन्तः सर्व एव हि॥1-11॥

 

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गीता के अध्याय 1 के 7 से 11  श्लोक हिन्दी में | गीता महत्व


हे ब्राह्मणों के पूज्य ,हमारी तरफ से युद्ध मे जो शामिल हैं उन्हे आप समझ लीजिये | मेरी सेना के जो जो सेनापति हैं ,उनको भी मैं बतलाता हूँ ||7||


इस युद्ध में आप द्रोणाचार्य ,पीतमाह भीष्म ,कर्ण ,और कृपाचार्य ,अश्वथामा ,विकर्ण और सोमदत्त का पुत्र भूरिश्रवा है ||8||


कई तरह की शस्त्रविद्या और युद्धकला मे निपुण और भी बहुत से शूरवीर हैं जो मेरे लिए प्राणों की आहुति देने के लिए तैयार हैं ||9||


भीष्म द्वारा रक्षित हमारी सेना को जीतना मुश्किल है, वहीं भीम द्वारा रक्षित इन लोगों की सेना को जीतना आसान है ||10||


अतः आप सभी लोग मोर्चों पर अपनी अपनी जगह रहते हुए सभी तरह से भीष्मपितामह की ही रक्षा करें ||11|| 

 



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गीता के अध्याय 1 के 7 से 11  श्लोकों का आज के युग मे महत्व  हिन्दी में | गीता महत्व

 

दुष्ट प्रकृति के व्यक्ति को हमेशा लगता है की वह ही केवल अजय है और अन्य जो उस की विरोधी प्रकृति है उसे जीतना आसान है | इस का अर्थ हुआ, कि आप अगर दुष्ट भावनाओं को सुदृढ़ करते हैं तो आप के अंदर कि सकारत्मक भावनाएं समाप्त हो जाएंगी |

 

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अन्य पढ़ें

1.     रुका था 

2.     जलते रहे 


आज का सुविचार । Aaj Ka Jeevan Mantra (जलते रहे )

 

आज का सुविचार । Aaj Ka Jeevan Mantra (जलते रहे )


दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |

 

आज का विचार

मंजिल तक पहुँचने की चाहत थी ऐसी ,

गिरे कई बार फिर भी संभलते रहे ।

तूफानों ने कोशिश बहुत की

पर हम वो चिराग थे जो हवाओं मे

भी जलते  रहे ॥


आज का सुविचार । Aaj Ka Jeevan Mantra (जलते रहे )

 

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1.   गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 7 से 11) 

2.   ओझल  

 

आज का सुविचार | Aaj Ka Vichar (ओझल)

 आज का सुविचार | Aaj Ka Vichar | 


दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |


आज का सुविचार | Aaj Ka Vichar


हिन्दी में आज का विचार | आज का सुविचार


नकारात्मक सोच, खुशियाँ होते हुए भी उन्हें आँखों से ओझल ही रखती है |

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Today's Thought in English |Aaj ka Vichar in English


Negative thinking keeps happiness out of sight.

अन्य पढ़ें

1.      जलते रहे 

2.     मंजिल

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 4 से 6 श्लोक )

 श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 4 से 6 श्लोक )

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 4 से 6 श्लोक )



लगभग 5000 वर्ष पहले  युद्ध के मध्य दिया गया एक हिन्दु धर्मोपदेश जिसे 18 अध्यायों और 700 श्लोकों में संजोया गया श्रीमद्भगवद्गीता का महत्व ,आज भी पूरे विश्व के लिए एक विश्लेषण का विषय है |जब हम  गीता को पढ़ते हैं तो पाते हैं कि यह धर्मोपदेश जो कई बर्षों पहले दिया गया आज के युग में भी उतना ही कारगर है जितना उस समय था |

मैं आप को हर रोज गीता के एक श्लोक का हिन्दी व English अर्थ बताऊँगी व यह भी बताने कि कोशिश करूँगी कि आज के आधुनिक युग में आप इसे कैसे कारगर सावित कर सकते हैं |श्रीमद्भगवद्गीता का महत्व 

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भगवद्गीता अध्याय 1

श्लोक 4 से 6

संस्कृत

सञ्जय उवाच

अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि

युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथ:        || 4||


धृष्टकेतुश्चेकितान: काशिराजश्च वीर्यवान् |

पुरुजित्कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुङ्गव: 

|| 5||


युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च 

वीर्यवान् |

सौभद्रो द्रौपदेयाश्च सर्व एव महारथा: 

|| 6||

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भगवद्गीता अध्याय 1

श्लोक 4 से 6 

हिन्दी में अनुवाद

इस सेना में भीम तथा अर्जुन के समान युद्ध करने वाले महारथी युयुधान, विराट तथा द्रुपद  जैसे अनेक वीर धनुर्धर हैं  ||4||


इनके साथ ही धृष्टकेतु, चेकितान, काशिराज, विर्यवान पुरुजित्, कुन्तिभोज तथा मनुष्यों में श्रेष्ठ शैब्य जैसे योद्धा भी हैं ||5||


शूरवीर युधामन्यु, अत्यन्त बलवान उत्तमौजा, सुभद्रा का पुत्र अभिमन्यु तथा द्रोपदी के पाँचो पुत्र , ये सभी महारथी हैं ||6||


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भगवद्गीता के अध्याय 4 से 6 श्लोक का आधुनिक युग में महत्व 


आप का शत्रु ,जानता है कि आप के अन्दर दिव्य गुणों जैसी ताकते कूट- कूट कर भरी हुई हैं |

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Importance of Adhyay 1,  verses 4 to 6 of Bhagavad Gita in the modern era 


Your enemy knows that you are filled with divine qualities like forces inside you.

अन्य पढ़ें

1.     मंजिल

2.      गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 2 और 3)



Aaj Ka Suvichar | आज का सुविचार (सिखाती है)

  Aaj Ka Suvichar | आज का सुविचार (सिखाती है)


दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |


हिन्दी मेें आज का विचार | आज का सुविचार


खाली जेब, धन कि कद्र करना सिखाती है,

खाली पेट, भोजन कि कद्र करना सिखाता है,

बेईज्जती, आदर का महत्व सिखाती है ,

दुःख ,समस्याओं से लड़ना सिखाते हैं ,

अर्थात कमियाँ कुछ ना कुछ सिखाती हैं ,

और उन से सीखने बाला सफलता के सर्वोपरी सिखर को पाता है |


Aaj Ka Suvichar | आज का सुविचार (सिखाती है)

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Today's Thought in English |Aaj ka Vichar in English


 Empty pocket teaches to value money, Empty stomach teaches to value food, Disrespect teaches the importance of respect, Problems,teaches to fight with sorrows, That is, shortcomings teach something or the other, And one who learns from them finds the supreme success.


अन्य पढ़ें

1.     गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 1 )

2.     मुश्किल

Aaj Ka Vichar | आज का सूविचार(मुश्किल)

Aaj Ka Vichar |  आज का सूविचार(मुश्किल)


दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |

हिन्दी मेें आज का विचार | आज का सुविचार 


उगते सूरज की तरह शाँत व सुभाषित रहो ,जिन्दगी की हर मुश्किल आसानी से पार कर जाओगे


Aaj Ka Vichar |  आज का सूविचार(मुश्किल)


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Today's Thought in English |Aaj ka Vichar in English


Be calm and graceful like the rising sun, you will overcome all the difficulties of life easily


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1.      सीख

2.      कमजोर ना बनो

Aaj Ka Suvichar | आज का विचार (कमजोर ना बनो)

 Aaj Ka Suvichar | आज का सुविचार

दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |


हिन्दी मेें आज का विचार | आज का सुविचार


 इतना कमज़ोर मत बनो कि टूटो तो जोड़ना मुश्किल हो जाए | उठो खड़े हो जाओ,अपने अन्दर कि ताकत को पहचानो और इतना मज़बूत बनो कि टूट ना सको |


Aaj Ka Suvichar |  आज का विचार (कमजोर ना बनो)

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Today's Thought in English |Aaj ka Vichar in English


Don't be so weak that if you break it became difficult to join together. Arise, stand up, recognize the strength within you and be strong enough not to break.


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1.     मुश्किल

2.     जीत का मंत्र

आज का विचार |Aaj Ka Vichar (हमेशा दूर रहें)

  आज का विचार |Aaj Ka Vichar (हमेशा दूर रहें)

दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |



आज का विचार |Aaj Ka Vichar (हमेशा दूर रहें)



आज का विचार हिन्दी में | Aaj Ka Vichar in Hindi


इन लोगों से हमेशा दूर रहें


1. अजनबी 

2. स्वार्थी

3. चुगलबाज

4. झूठा

5. बात-बात पर हँसने बाला


Today's Thought in English |Aaj ka Vichar in English


Always stay away from these people


1. stranger 

2. selfish 

3. Sneaker 

4. Liar 

5. Laughing at the talk


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1.     इन बातों का ध्यान रखें 

2.     बाइक

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