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श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक )

 श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक ) गीता के अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक सस्कृत में निमित्तानि च पश्यामि विपरीतानि केशव | न च श्रेयोऽनुपश्यामि हत्वा स्वजनमहवे || 31|| न काङ्क्षे विजयं कृष्ण न च राज्यं सुखनि च | किं नो राज्येन गोविंद किं भोगर्जिवितेन वा || 32|| येषामर्थे काङ्क्षितं नो अशं भोगः सुखनि च | त इमेऽवस्थिता युद्धे प्राणानस्त्यक्त्वा धनानि च || 33|| आचार्य: पितर: पुत्रस्तथैव च पितामह: | मातुला: श्वशुरा: पौत्रा: श्याला:संबंधिनस्तथा || 34|| गीता के अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक हिंदी में अर्जुन जी कहते हैं की ,मैं केवल दुर्भाग्य के लक्षण देखता हूं। मुझे अपने ही स्वजनों को मारने में किसी भी तरह का फायदा नज़र नहीं आता | 31| हे कृष्ण, मुझे ना विजय की इच्छा है और ना ही राज्य और सुखों की ,हे गोविंद हमे ऐसे राज्य से क्या लाभ है तथा ऐसे भोगों और जीवन से क्या  लाभ | 32| हम जिनके लिये राज्य, भोग और सुख आदि इच्छित हैं, वे ही ये सब धन और जीवन की इच्छा को छोड़कर युद्ध की लिए खड़े हैं ।33| युद्ध में आचार्य , ताऊ-चाचे, पुत्र और उसी प्रका

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक )

 श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक ) गीता के अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक सस्कृत में निमित्तानि च पश्यामि विपरीतानि केशव | न च श्रेयोऽनुपश्यामि हत्वा स्वजनमहवे || 31|| न काङ्क्षे विजयं कृष्ण न च राज्यं सुखनि च | किं नो राज्येन गोविंद किं भोगर्जिवितेन वा || 32|| येषामर्थे काङ्क्षितं नो अशं भोगः सुखनि च | त इमेऽवस्थिता युद्धे प्राणानस्त्यक्त्वा धनानि च || 33|| आचार्य: पितर: पुत्रस्तथैव च पितामह: | मातुला: श्वशुरा: पौत्रा: श्याला:संबंधिनस्तथा || 34|| गीता के अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक हिंदी में अर्जुन जी कहते हैं की ,मैं केवल दुर्भाग्य के लक्षण देखता हूं। मुझे अपने ही स्वजनों को मारने में किसी भी तरह का फायदा नज़र नहीं आता | 31| हे कृष्ण, मुझे ना विजय की इच्छा है और ना ही राज्य और सुखों की ,हे गोविंद हमे ऐसे राज्य से क्या लाभ है तथा ऐसे भोगों और जीवन से क्या  लाभ | 32| हम जिनके लिये राज्य, भोग और सुख आदि इच्छित हैं, वे ही ये सब धन और जीवन की इच्छा को छोड़कर युद्ध की लिए खड़े हैं ।33| युद्ध में आचार्य , ताऊ-चाचे, पुत्र और उसी प्रका

स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार |Today's wise though

आज का सुविचार । स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए  आज का विचार,सुविचार  तथा  स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार   सकन्ध लेकर आई हूँ |  स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार  हमारे जीवन में बहुत है | हमारे  आज के विचार  हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  |  स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार  का महत्व हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का |  स्वामी विवेकानंद जी के 5 प्रेरणादायक विचार  पढ़ें औए दूसरों को  सुविचार  दें | 1.जीत उतनी ही शानदार होती है ,जितना उसके लिए किया संघर्ष बड़ा होता है | 2.खुद को कमजोर समझना सबसे बड़ा पाप है | 3.आप भगवान पे तभी विश्वास कर सकते हो जब आप खुद पे विश्वास करना सीख लेते हो | 4.ठोकरें खाने के बाद ही एक अच्छे चरित्र का निर्माण होता है | 5.जब तक आप व्यस्त हैं आप को काम आसान लगता है और आलसी व्यक्ति के लिए हर काम कठिन होता है | अन्य पढ़ें 1.      गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक

श्रीमद्भगवतगीता का महत्व | Geeta Ka Mahatav (अध्याय 1 के 12 से 19 श्लोक )

श्रीमद्भगवतगीता का  महत्व | Geeta Ka Mahatav (अध्याय 1 के 12 से 19 श्लोक ) दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए  आज का विचार,सुविचार  तथा  गीता का महत्व  सकन्ध लेकर आई हूँ |  Geeta Ka Mahatav  हमारे जीवन में बहुत है | हमारे  आज के विचार  हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  |  गीता का महत्व  हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का |  गीता का महत्व  पढ़ें औए दूसरों को  सुविचार  दें | गीता के अध्याय 1 के 12 से 19 श्लोक संस्कृत में | गीता महत्व तस्य संजनयन्हर्ष कुरुवृद्ध: पितामह: | सिंहनादं विनद्योच्चै: शख्ङं दध्मौ प्रतापवान् ||1,12|| तत: शाख्ङश्च भेर्यश्च पणवानकगोमुखा: । सहसैवाभ्यहन्यन्त स शब्दस्तुमुलोऽभवत् ||1,13|| तत: श्वेतैर्हयैर्युक्ते महति स्यन्दने स्थितौ । माधव: पाण्डवश्चैव दिव्यौ शख्ङौ प्रदध्मतु: ||1,14|| पाज्चजन्यं ह्रषीकेशो देवदत्तं धनंजय: । पौण्ड्रं दध्मौ महाशख्ङं भीमकर्मा वृकोदर: ||1,15|| अनन्तविजयं राजा कुन्ती पुत्रो युधिष्ठिर: । नकुल: सहदेवश्च सुघ

आज का सुविचार । Suvichar (चलता चला गया)

आज का सुविचार । Suvichar  (चलता चला गया) दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए  आज का विचार,सुविचार  तथा  Sundar Vichar  सकन्ध लेकर आई हूँ |  Suvichar  हमारे जीवन में बहुत है | हमारे  आज के विचार  हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  |  Vichar  हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का |  Vichar  पढ़ें औए दूसरों को  सुविचार  दें |   रुका नहीं थका नहीं , चलता चला गया | मंजिल को पाने की चाह थी ऐसी , की बढ़ता ही   चला गया || अन्य पढ़ें 1.      गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 12 से 19) 2.      रुका था    

आज का सुविचार । Aaj Ka Jeevan Mantra (रुका था)

आज का सुविचार । Aaj Ka Jeevan Mantra (रुका था)  दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए  आज का विचार,सुविचार  तथा  Sundar Vichar  सकन्ध लेकर आई हूँ |  Suvichar  हमारे जीवन में बहुत है | हमारे  आज के विचार  हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  |  Vichar  हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का |  Vichar  पढ़ें औए दूसरों को  सुविचार  दें | जले हुए ख्वावों की राख़ से मकान बना दिया | रुका था कुछ वक्त तक , देर से ही सही , जो भी चाहा वो मुकाम पा लिया || अन्य पढ़ें 1.    चलता चला गया  2.    गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 7 से 11 )   

आज का सुविचार । Aaj Ka Jeevan Mantra (जलते रहे )

  आज का सुविचार । Aaj Ka Jeevan Mantra (जलते रहे ) दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए  आज का विचार,सुविचार  तथा  Sundar Vichar  सकन्ध लेकर आई हूँ |  Suvichar  हमारे जीवन में बहुत है | हमारे  आज के विचार  हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  |  Vichar  हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का |  Vichar  पढ़ें औए दूसरों को  सुविचार  दें |   आज का विचार मंजिल तक पहुँचने की चाहत थी ऐसी , गिरे कई बार फिर भी संभलते रहे । तूफानों ने कोशिश बहुत की पर हम वो चिराग थे जो हवाओं मे भी जलते   रहे ॥   अन्य पढ़ें 1.    गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 7 से 11)  2.    ओझल      

Aaj Ka Jeevan Mantra | आज का जीवन मंत्र (अव्यक्त )

Aaj Ka Jeevan Mantra | आज का जीवन मंत्र (अव्यक्त ) आज का जीवन मंत्र ब्लॉग के इस स्कंध में मैं आप को विभिन्न भारतीय लेखों से लिए जीवन मंत्र बताऊँगी | जीवन मंत्र के रोज पढ़ने पर जीवन में बदलाव जरूर पाओगे | Aaj Ka Jeevan Mantra यह स्कंध आप के जीवन को बदलवे के लिए है |आज का Life Mantra हिन्दी व English  दोनों में आप को मिलेगा | 🐝🐝🐝🐝🐝🐝🐝🐝🐝🐝🐝 Aaj Ka Jeevan Mantra in Sanskrit | आज का जीवन मंत्र संस्कृत में  अव्यक्तादीनि  भूतानी व्यक्तमध्यानी भारत |  अव्यक्तानिधनान्येव तत्र का परिवेदना ||  🕊🕊🕊🕊🕊🕊🕊🕊🕊🕊🕊 Aaj Ka Jeevan Mantra in Hindi | आज का जीवन मंत्र हिन्दी में  जो चीज जन्म  से पहले अव्यक्त थी और मृत्यु के बाद भी अव्यक्त होगी तथा जो जन्म और मृत्यु के बीच ही व्यक्त है उस चीज का क्या दुःख करना |  🐠🐠🐠🐠🐠🐠🐠🐠🐠🐠🐠 Life Mantra in English | आज का जीवन मंत्र अँग्रेजी में What should be the suffering of that thing which was latent before birth and will be latent after death and that which is expressed only between birth and death. अन्य पढ़ें  1.    कद्र 2.    ज्ञान रूपी

आज का विचार | Aaj Ka Vichaar(बिष से भरे घड़े के समान )

   आज का विचार | Aaj Ka Vichaar आज का जीवन मंत्र  ब्लॉग के इस स्कंध में मैं आप को विभिन्न भारतीय लेखों से लिए जीवन मंत्र बताऊँगी | जीवन मंत्र  के रोज पढ़ने पर जीवन में बदलाव जरूर पाओगे |  Aaj Ka Jeevan Mantra  यह स्कंध आप के जीवन को बदलवे के लिए है |आज का  Life Mantra  हिन्दी व English  दोनों में आप को मिलेगा | | परोक्षेकार्यहंतारंप्रत्यक्षेप्रियवादिनम् , वर्जयेत्तादृशंमित्रंविषकुंभपयोमुखम् ||   (चाण्क्य संहिता) पीढ पीछे काम को बिगाड़ने बाले और सामने मीठी बातें करने बाले व्यक्ति को छोड़ देना चाहिए ,क्योकि वह मुख पर दूध से भरे और पूरी तरह से बिष से भरे घड़े के समान होता है | Jeevan Mantra in English The person who spoils the work behind and talks sweet in front should be left, because he is like a pitcher having milk on mouth and completely filled with poison. Aaj Ka Vichar | Aaj ka Suvichar | आज का विचार भाई बंधुओं कि संम्पत्ति पर अधिकार जमाकर सुख की अनुभूति करने बाला, आने बाले दु:ख और बिमारी का कारण  अपने कर्मों को ही बताता है ,पर पूछने पर उसे वह बुरे कर्म याद नहीं होते | The one who

आज का विचार | Aaj Ka Vichaar(शरीर का शोधन)

  आज का विचार | Aaj Ka Vichaar दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए  आज का विचार,सुविचार  तथा  Sundar Vichar  सकन्ध लेकर आई हूँ |  Suvichar  हमारे जीवन में बहुत है | हमारे  आज के विचार  हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  |  Vichar  हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का |  Vichar  पढ़ें औए दूसरों को  सुविचार  दें | षट्कर्मणा शोधनञ्च आसनेन भवेदृढम् | मुद्रया स्थिरता चैव प्रत्याहारेण धीरता || प्राणायामाल्लाघवञ्च  ध्यानात्प्रत्यक्षमात्मनि | समाधिना निर्लिप्तञ्च मुक्तिरेव च संशया | शरीर का शोधन छ: कर्मों से होता है , आसन से दृढता , मुद्रा से स्थिरता,प्रत्याहार से धीरता,प्राणायाम से हल्कापन, ध्यान सै आत्म ज्ञान और समाधि से मुक्ति प्राप्त होती है | Today's Jeevan Mantra The purification of the body is done by six actions, firmness from posture, Stability from mudra, patience from pratyahara, lightness from pranayama, Self-knowledge from samadhi and liberation are

आज का जीवन मंत्र | Aaj Ka Jeevan Mantra(दुष्ट पत्नी,मूढ़ मित्र)

आज का जीवन मंत्र | Aaj Ka Jeevan Mantra  दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए  आज का विचार,सुविचार  तथा  Sundar Vichar  सकन्ध लेकर आई हूँ |  Suvichar  हमारे जीवन में बहुत है | हमारे  आज के विचार  हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  |  Vichar  हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का |  Vichar  पढ़ें औए दूसरों को  सुविचार  दें | जीवन मंत्र  दुष्टाभार्याशठंमित्रंभृत्यश्वोत्तरदायक: || ससर्पेचगृहेवासोमृत्युरेवनसंशय | Photo by  Pixabay  from  Pexels हिन्दी में जीवन मंत्र दुष्ट पत्नी,मूढ़ मित्र और जबाब देने बाले सेवक के साथ रहना ,साँपों से भरे घर में रहने के बराबर है और  एसी स्थिती में मृत्यू अवश्यंभावी है | Life Mantra in English Living with a wicked Wife, foolish friend, and  Answering Servant  is like living in a house full  of snakes and in such condition death is inevitable. Photo by  Pixabay  from  Pexels आज का विचार गोत्र से अच्छा है ,इन्सानियत और भाईचारे से व्यक

आज का जीवन मंत्र | Aaj Ka Jeevan Mantra (सेवक)

   आज का जीवन मंत्र | Aaj Ka Jeevan Mantra दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए  आज का विचार,सुविचार  तथा  Sundar Vichar  सकन्ध लेकर आई हूँ |  Suvichar  हमारे जीवन में बहुत है | हमारे  आज के विचार  हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  |  Vichar  हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का |  Vichar  पढ़ें औए दूसरों को  सुविचार  दें |   आज का जीवन मंत्र जानीयात्प्रेषणेभृत्यान्बान्धवान्व्यसनागमे, मित्रंचापत्तिकालेतुभार्यांचविभवक्षये | आज का जीवन मंत्र हिन्दी में  सेवक कि काम पर लगाने से,बान्धवों कि दुःख में, मित्र कि विपत्ति में और सम्पदा का नाश होने पर पत्नी कि परीक्षा होती है| Servants while employing, relatives in sorrows,friends in misfortune and on destruction of wealth wife is tempted. Today's Thought | आज. का विचार किसी भी तरह कि मन्नत माँगने पर, अपनी शक्तिनुसार पूरी करनी चाहिए ना कि दूसरों के दान से ,क्योंकि इस कार्य के लिए प्राप्त दान का भार उतर नहीं सकता औ

आज का जीवन मंत्र |Aaj Ka Jeevan Mantra (मूर्ख शिष्य)

 आज का जीवन मंत्र |Aaj Ka Jeevan Mantra   दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए  आज का विचार,सुविचार  तथा  Sundar Vichar  सकन्ध लेकर आई हूँ |  Suvichar  हमारे जीवन में बहुत है | हमारे  आज के विचार  हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  |  Vichar  हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का |  Vichar  पढ़ें औए दूसरों को  सुविचार  दें | मूर्खशिष्योपदेशेन दुष्टस्त्रीभरणेनच , दु:खितै:संप्रयोगेण पंडितोप्यवसीदति |                            (चाणक्यनीतिदर्पण:) जीवन मंत्र हिन्दी में मूर्ख शिष्य को उपदेश देने से ,दुष्ट स्त्री के भरण पोषण से,  दु:खि इंसान के साथ व्यव्हार करने से बुद्धिमान भी दु:ख पाता है | Life Mantra in English By teaching a foolish disciple, by nurturing an evil woman, By dealing with a sorrowful person, the wise person also gets sorrow. आज का विचार हिन्दी में किसी से बुरा व्यवहार करने से पहले खुद के उस के स्थान पर रख के देखो ,अपने आप शाँत हो जाओगे || Today'

आज का जीवन मंत्र | Aaj Ka Vichaar(मोह)

आज का जीवन मंत्र | Aaj Ka Vichaar दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए  आज का विचार,सुविचार  तथा  Sundar Vichar  सकन्ध लेकर आई हूँ |  Suvichar  हमारे जीवन में बहुत है | हमारे  आज के विचार  हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  |  Vichar  हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का |  Vichar  पढ़ें औए दूसरों को  सुविचार  दें | 🐭जीवन मंत्र🐭 नास्ति मायासम: पाशो नास्ति योगात्परं बलम् | नास्तिज्ञानात्परो बन्धुर्नाहड्.कारात् परो रिपु: ||  (घेरण्ड संहिता ) Nasti mayasamah pasho nasti yogataram balam, Nastigayanatparo bandhurnahankarat paro ripu. माया (मोह) से बड़ा कोई जाल (फंदा ) नहीं ,योग से प्राप्त बल से बड़ा कोई बल नहीं |ज्ञान से बड़ा कोई बंधू नहीं ,और अहंकार से बड़ा कोई दुश्मन नहीं | There is no net (trap) greater than maya (attachment), no force greater than the force derived from yoga. There is no friend than knowledge, and no enemy greater than ego. Photo by  Valeria

आज का जीवन मंत्र | Aaj Ka Jeevan Mantra (कछुआ)

   आज का जीवन मंत्र | Aaj Ka Jeevan Mantra  दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए  आज का विचार,सुविचार  तथा  Sundar Vichar  सकन्ध लेकर आई हूँ |  Suvichar  हमारे जीवन में बहुत है | हमारे  आज के विचार  हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  |  Vichar  हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का |  Vichar  पढ़ें औए दूसरों को  सुविचार  दें | Photo by laura parenti from Pexels यदा संहरतै चायं कूर्मोsड़्गानीव सर्वशः | इन्द्रियाणीन्द्रियार्थेभ्यस्तस्य प्रज्ञा प्रतिष्ठिता| हिन्दी में अनुवाद जिस तरह से कछुआ अपने अंगों को पूरी तरह से समेट लेता है ,उसी तरह से जो मनुष्य अपनी इन्द्रियों को काबू में रखता है वही प्रज्ञा सम्पन्न होता है | Translation into English The way a tortoise controls its organs completely, in the same way the  person who keeps his senses in control have great knowledge. आज़ का विचार | Aaj ka vichaar मन वचन अथवा शरीर से कोई दुःख भी पहुँचाए ,तो उस पर क्रोध और वैर न

आज का जीवन मंत्र | Aaj Ka Jeevan Mantra(देह का अन्त)

आज का जीवन मंत्र | Aaj Ka Jeevan Mantra  दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए  आज का विचार,सुविचार  तथा  Sundar Vichar  सकन्ध लेकर आई हूँ |  Suvichar  हमारे जीवन में बहुत है | हमारे  आज के विचार  हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  |  Vichar  हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का |  Vichar  पढ़ें औए दूसरों को  सुविचार  दें | सुविचार| Suvichar धार्मिक ग्रंथ जिस रास्ते से घर लाया जाना हो, उस रास्ते को साफ करने से अद्वितीय फल प्राप्त होता है | Religious texts through which to be brought home, Clearing that path gives unique results. www.healnrepair.com जीवन मंत्र देहिनोsस्मिन्यथा देहे कौमारं योवनं जरा | तथा देहान्तरप्राप्तिर्धरस्तत्र न मुह्यति || हिन्दी में अनुवाद   जिस तरह से जीवात्मा के शरीर में कुमारावस्था,जवानी और बुढ़ापा आता है|वैसे ही देह का अन्त होने पर नया जन्म होता है ,यह सब जानकर धीर मनुष्य जीवन में आसक्त नहीं होता | Translation into English Just as the

आज का जीवन मंत्र || AAj Ka Vichar(मूर्खों के पाँच लक्षण)

     आज का जीवन मंत्र || AAj Ka Vichar  दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए  आज का विचार,सुविचार  तथा  Sundar Vichar  सकन्ध लेकर आई हूँ |  Suvichar  हमारे जीवन में बहुत है | हमारे  आज के विचार  हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  |  Vichar  हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का |  Vichar  पढ़ें औए दूसरों को  सुविचार  दें | 🏵आज का विचार🏵 #Today's Thought# Photo by  Pixabay  from  Pexels 🐦  मूर्खस्य पञ्च चिन्हानि, गर्वो दुर्वचनं तथा। क्रोधश्च दृढवादश्च परवाक्येष्वनादरः॥ 🌶 मूर्खों के पाँच लक्षण हैं - गर्व, अपशब्द, क्रोध, हठ  और दूसरों की बातों का अनादर॥   अतः हमें इन दुर्गुणों से बचना चाहिए । 🐦 🐓 There are five signs of fools -pride,  profanity, anger,  persistence And disrespect of others. Therefore, we should avoid these fortifications. 🐠   🐰 आज का जीवन मंत्र 🐰 🦂🦂  शिष्य कभी गूरू से आगे नहीं निकल सकता, क्योंकि गुरू, एक गुर हमेशा छुपा कर रखता है|

आज का जीवन मंत्र | Aaj Ka Jeevan Mantra (मतभेद)

 आज का जीवन मंत्र | Aaj Ka Jeevan Mantra  दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए  आज का विचार,सुविचार  तथा  Sundar Vichar  सकन्ध लेकर आई हूँ |  Suvichar  हमारे जीवन में बहुत है | हमारे  आज के विचार  हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  |  Vichar  हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का |  Vichar  पढ़ें औए दूसरों को  सुविचार  दें | 🏵आज का विचार🏵 🌹 Today's Thought 🌹 Photo by  Sora Shimazaki  from  Pexels न वै भित्रा जातु चरन्ति धर्मं न वै सुखं प्राप्नुवन्तीह भित्राः।  न वै सुखंभित्रा गौरवंप्राप्नुवन्ति न वै भित्राप्रशमंरोचयन्ति ॥ 🌼🌻People who have mutual differences, they can never walk on the path of justice. They never remain happy, they never get fame, and the matter of peace pricks them. .🌻🌼 जिनमें आपसी मतभेद होता है, वे लोग कभी न्याय के मार्ग पर नहीं चल सकते।  वे कभी सुखी नहीं रहते, कीर्ति उन्हें कभी प्राप्त नहीं होती , तथा शांति की बात उन्हें चुभती ह