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Himachali Kavita | हिमाचली कविता (मच्छर मच्छरी)

 Himachali Kavita | हिमाचली कविता (मच्छर मच्छरी)


Himachali Kavita | हिमाचली कविता (मच्छर मच्छरी)


🕸मच्छर - मच्छरी 🕸


मच्छर बोलेया 


मच्छर कने मच्छरिया च होआदी थी गल,

क्या होआदा जमाने च ,कैजो होआदा असाँ कन्ने छल |



हिट ,क्रीमाँ कन्ने क्या क्या आई गया बजारा ,

धुँए नै ही नट्ठी जाँदे थे,कैजो पैओ असाँदी मारा |

दुश्मन कजो होई बैठेआ ,ए जमाना सारा,

इक बूँद खूने नै ही ,भरी जाँदा था पेट महारा  ||


मच्छरी बोली


हे पतिदेव इक दिन ताँ मरना ही आ,टैंशन कैजो लेआदे ,

पर इक गल दसा मिंजो,

साबुन दानिया च साबण,चूहेदानिया च चूहा ,

पर मच्छर दानिया च आदमी कैजो सोआदे ||

असे कन्ने असाँदा परिवार तिल तिल 

मरादे ,

ए उत्तर मिली गया ताँ ही पता चलना ,मित्र महारे दुश्मण कजो होआदे |


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Himachali Kavita | हिमाचली कविता (अज कला दा प्यार)

Himachali Kavita | हिमाचली कविता (अज कला दा प्यार)

 

अज कला दा प्यार



हीरो दिक्खेया ,हिरोइन भी दिक्खी,

इन्स्टा ते भी लेया सिक्खी |

फेसबुक्का च दोस्त बणाए ,

प्यारा आली कहाणी सिक्खी ||


अज कला दा प्यार भी ,कदेआ होई गया ,

Insta पर लव होई गया,facebooka पर सब होई गया ||


फोन हत्थाँ ते छुड़दा नी,मंजे पर रैहणा सई,

लाईकाँ जो देई देई,सुन्न गई उँगलियाँ होई |

कुन्नी ए short पैन्ने,कुनकी फोटो टाईटाँ च लई ,

दिला दियाँ हसरताँ च,पिचकेओ गै गाल होई ||


अज कला दा प्यार भी कदेहा होई गया,

भ्यागा-भ्यागा मिल्ले संजो सब होई गया |


ऑनलाईन ही रिचार्ज होआ दे,ऑनलाईन ही होआदे चार्ज ,

ऑनलाईन दोस्त बणादे,हुण कुछ नी रेआ राज |

लाईकाँ दी भुक्ख बढ़ी,हुण ओ नी रही मस्ती ,

नोखे-नोखे पोज बणाणे ,फोटो खिंजणा सब दस्सी ||


अज कला दा प्यार कदेआ होई गया,

दूरा ते ही सब होई गया ||


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