Religious Stories in Hindi | धार्मिक कथाएँ (खीरगंगा कि कथा )

Religious Stories in Hindi | धार्मिक कथाएँ (खीरगंगा  कि  कथा )


Religious Stories in Hindi | धार्मिक कथाएँ (खीरगंगा  कि  कथा )



सब एक हैं, सब श्रेष्ठ हैं, उन से यह कौन कहे |
गणपति और कार्तिकेय, शिव के दो पुत्र हुए ||


इक बोले मैं हूँ पहला, दूजा बोले मैं हूँ पहला |
श्रेष्ठता कि बात पर, दोनों में संघर्ष जा ठहरा ||
बच्चों में संघर्ष कि बात,जा पहुँची मात पिता के पास |
कैसे रूके संघर्ष, ढूँढना पड़ेगा कुछ खास ||


सब एक हैं, सब श्रेष्ठ हैं, उन से यह कौन कहे |
गणपति और कार्तिकेय, शिव के दो पुत्र हुए ||


तीनों लोकों का भ्रमण जो कर आएगा पहली बार |
वही होगा श्रेष्ठ वही होगा पूज्य पहली बार ||
कार्तिकेय जी उछलकर, जा बैठे मोर पर |
गणेश जी कैसे जीते उलझे पड़े इस सोच पर ||


सब एक हैं, सब श्रेष्ठ हैं, उन से यह कौन कहे |
गणपति और कार्तिकेय, शिव के दो पुत्र हुए ||


एकदन्त को उपाय सूझा, मात-पिता को बुला भेजा |
तीनों लोक उन में जान, परिक्रमा कर माथा टेका ||
प्रसन्न हुए मात-पिता, श्रेष्ठता का वरदान मिला |
कार्तिकेय नें यह जान, कैलाश को त्याग दिया ||


सब एक हैं, सब श्रेष्ठ हैं, उन से यह कौन कहे |
गणपति और कार्तिकेय, शिव के दो पुत्र हुए ||


हिमाचल में पार्वती घाटी,पड़ता एक स्थान |
कार्तिकेय जी ऱहें जहाँ, करें काम महान ||
पुत्र को प्रसन्न करने मात पार्वती धरती पर आईं |
पुत्र की ख़ातिर, यहीं पर खीर की गंगा बहाई ||
उचित स्थान जानकर शिवजी भी प्रकट हुए |
यहीं पर करूंगा ध्यान, गौरां से यह शब्द कहे ||


सब एक हैं, सब श्रेष्ठ हैं, उन से यह कौन कहे |
गणपति और कार्तिकेय, शिव के दो पुत्र हुए ||


मणिकर्ण के पास खीरगंगा है यह स्थान |
कार्तिकेय और शिवा, जहाँ रहते एक समान ||
कलयुग को आता देख, परशुराम ने यह काम किया |
खीर पर लड़ेगी जनता, तो खीरगंगा को बदल दिया ||


सब एक हैं, सब श्रेष्ठ हैं, उन से यह कौन कहे |
गणपति और कार्तिकेय, शिव के दो पुत्र हुए ||


आज भी है गर्म पानी का झरना |
जहाँ उचित है स्नान करना ||
ध्यान का फल मिलेगा पूरा |
कोई काम नहीं रहेगा अधूरा ||


सब एक हैं, सब श्रेष्ठ हैं, उन से यह कौन कहे |
गणपति और कार्तिकेय, शिव के दो पुत्र हुए ||

Religious Stories in Hindi | धार्मिक कथाएँ (ज्वालाजी कथा)

 Religious Stories in Hindi | धार्मिक कथाएँ (ज्वालाजी कथा)

Religious Stories in Hindi | धार्मिक कथाएँ (ज्वालाजी कथा)

शिव का निरादर नी झेल सकी वो, 
हो गई हवन कुंड में सती वो |

लिए फिरे शिव जी  ,घवराई थी सृष्टी,
विष्णु जी सहाए,सृष्टी विनाश बचाए ||

जिह्वा गिरी जहाँ पर, अग्नि रूप भई वहाँ पर ||
एक गवाला गाय चराए,कोई कन्या दूध पी जाए ||

गवाले ने चमत्कार देखा, कन्या को होते ओझल देखा ||
गोरक्ष किले को धाए,राज भूमी को बात बताए ||

राज भूमी को बात पता थी,जिह्वा कि वो बात पता थी ||
पहाड़ी पर दौड़ के आए, ज्योति रूप में दर्शन पाए ||

मात ज्वाला भई सहाए,मंदिर का निर्माण कराए ||
पाँडव भी वनों में विचरते,, पहुँचे जब इस जगह पे ||

बहुत बड़ा मंदिर बनवाया, माँ सती का मान बढ़ाया ||
ज्वालामुखी नाम जगह का,जिला काँगड़ा पड़े यहाँ का||

ज्वाला रूप में दर्शन देती, भक्तों का दु:ख हर लेती ||
जो आए श्रद्धा संग, करे योग और ध्यान ||
सब इच्छा पूरी हो, मिले भोग और ज्ञान ||


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