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हास्य व्यंग्य शायरी | Hasya Shyari (कुछ तो बात है)


हास्य व्यंग्य शायरी | Hasya Shyari (कुछ तो बात है)


दोस्तो आप सभी का स्वागत है हास्य व्यंग्य शायरी के मेरे इस  स्कंध में | आप को हास्य शायरी हँसा हँसा के पागल कर देगी | हिन्दी हास्य शायरी में दिए फोटो आप अपने दोस्तों के साथ शेयर भी कर सकते हैं |


1


पहली बार जो देखा,दिल में बसी तस्वीर तेरी,

सही में हैं या दूर से दिखती हैं आँखें भैंगी तेरी ||

हास्य व्यंग्य शायरी | Hasya Shyari (कुछ तो बात है)


2

आते जाते देखता हूँ तुझ को कुछ तो बात है ,

ठीक ठाक है तू पर तेरी दोस्त में कुछ तो बात है ||

हास्य व्यंग्य शायरी | Hasya Shyari (कुछ तो बात है)

3


मेक अप करती हो ,हमें लुभाने के लिए ,

ज्यादा भी ना किया करो,

कम ही अच्छा है हमें डराने के लिए ||

हास्य व्यंग्य शायरी | Hasya Shyari (कुछ तो बात है)

4


बिल्ली आँखें ,हिरनी सी चाल,

पता नहीं लोग तुम्हें क्या समझते हैं ,

इंसान हो तुम,जानवरों से तुलना क्यों करते हैं ||

हास्य व्यंग्य शायरी | Hasya Shyari (कुछ तो बात है)


5

शादी के बाराती कमरें मटका मटका झूमते हैं ,

पर लड़की के घर पहुँचते ही, ठेका क्यों ढूँढते हैं ||

हास्य व्यंग्य शायरी | Hasya Shyari (कुछ तो बात है)

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1.     हास्य व्यंग्य शायरी 

2.     ग्रीटिंग कार्ड शायरी 


Hasya Shyari | शायरी (तेरे प्यार में)

 Hasya Shyari | शायरी (तेरे प्यार में)




Hasya Shyari | शायरी (तेरे प्यार में)

Photo by Innoh Khumbuza from Pexels


 1.     तेरे प्यार में क्या क्या न भुला बैठे ,

         दोस्तों को तो छोड़ा,तुझे ख़ुदा बना बैठे |

         पर ना कर बैठना बेवफाई,

         दिल का पता नहीं क्या कर बैठे |


2.     पहली बार जो उसे देखा ,मन में हलचल सी मच गई ,

        सोचा बात ही कर लूँ ,पर उसे देखते ही नज़र झुक गई,

        क्या बनाया ए खुदा जवानी को,नज़र टिकी तो टिकी ही रह गई |


3.     ढ़ाई अक्षर का नाम,हर जगह है बसुमार ,

हिला कर रख देता है ,जब चढ़ जाए खुमार |

हर कोई जानता इसे कहते जिसे प्यार ||


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शायरी | Chand Shyari

 शायरी  | Chand Shyari


Chand Shyari
चाँद शायरी
1

चाँद को देख रहा हूँ ,चाँदनी बिछड़ी सी है |
अंधेरी रात में रोशनी बिखरी सी है |
चाँद बेचारा बुझा सा है ,
आज कहानी बिसरी सी है ||

2

रात में बाहर निकला,
दिन सा लग रहा है,
आज चाँदनी में नहा रहा है चाँद,
दिल सा लग रहा है|
चाँद था चाँदनी के आगोश  में ,
तभी चाँद खिला सा लग रहा है |

3

चाँद ज्यों-ज्यों चढ़ रहा आकाश में,
यादें ले रहीं मुझे आगोश में |
तेरे साथ कही बैठा था ,
एसी ही एक चाँदनी रात में |
तुझ को देख रहीं थीं नज़रें,
कुछ तो बोल रहीं थी नज़रें,
नज़रों के सागर में गोते लगा,
कुछ तो ढूँढ रही थी नजरें ||






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