Hindi Kavita | हिन्दी कविताएँ (क्यों है बेचारा यह दिल)

Hindi Kavita | हिन्दी कविताएँ (क्यों है बेचारा यह दिल)

दोस्तो सुरलहरी ,इस स्कंध में मैने कुछ हिन्दी कविताएँ लिखकर असली जीवन को प्रकट करने कि कोशिश की है |Hindi Poetry किसे अच्छी नहीं लगती |आज कि Hindi Poem उन महान लोगों को स्मर्पित है जो राम  को फिल्मी बता रहे हैं |

क्यों है बेचारा यह दिल

अकेला है तू ,नहीं मिल रहा है कोई,
बस खुद को गुम पाया,जब नज़र दौड़ाई |

सब कोई खुश हैं ,मस्त है हर कोई,
उसे भी दुःखी पाया,जब उस ने नज़र झुकाई |

घर से लाई रोटियों को खा रहा था कोई,
पास गया तो पाईं उस की भी आँखें रोईं,

गम दबा रहा था कोई ,हँसी में,
कोई भुला रहा था गम ,बातें कर कर,
कोई चुप सा बैठा था कोने में,
तो किसी की गुजर रही थी सोने में |

बस यही है सफर यही है कहानी,
जिसे सुनोगे हर दूर जाने बाले कि जुवानी |


Himachali Kavita | हिमाचली गाने (मेरी माँ)

 Himachali Kavita | हिमाचली गाने (मेरी माँ)


मेरी माँ
माँऊ मेरिएँ प्यारा नै है पालेआ,
रोंदे जो सदा संभालेया,
दुःख मेरे ,अपने दिला च लई,
खुशियाँ नै सदा सँवारेआ |

ताहली जे क्ल्ला हुँदा,
माँऊ दे चरणा च बैंदा,
माऊ दे गलाणे पर,
केड़े भी दुःखाँ जो सैंदा |

मैं हुँदा दुःखी ,
आँसू माऊ दे निकलदे,
मेरे जख्म दर्द माऊ जो दिन्दे,
फुल्लाँ जो मिन्जो देई ,
कण्डे माँ लई लैंदी,
माँ नी हुन्दी ताँ ,दुनिया कियाँ रैंदी |

Himachali Kavita | हिमाचली कविता ( ग्राएँ दी कहाणी)

Himachali Kavita | हिमाचली कविता ( ग्राएँ दी कहाणी)

ग्राएँ दी कहाणी
भ्यागा उट्ठी दातण किती,
नहाई धोई पूजा किती,
तुलसिया जो पाणी देई,
चुल्हे गोलू दित्ता रसोई|
वाह वाह ,क्या ग्राँ दी रीत बणाई,
सारेयाँ दा साथ,सारेयाँ संग प्रीत नभाई ||

छुलाणी च दही छोली ता,
खूब सारा मक्खण कड्डी ता,
भ्यागा भ्यागा गोडें जाई,
मही दा सारा दुध कड्डी ता |
वाह वाह ,क्या ग्राँ दी रीत बणाई,
सारेयाँ दा साथ,सारेयाँ संग प्रीत नभाई ||

दरातिया लई घाए जो जाणा,
दहिए कन्ने फुल्का खाणा,
प्यारा नै रैहणा,प्यारा नै गलाणा,
हत्थ बटाणा सारेयाँ नै जाणा,
वाह वाह ,क्या ग्राँ दी रीत बणाई,
सारेयाँ दा साथ,सारेयाँ संग प्रीत नभाई ||

ग्राएँ नी छड्डी सकदा,ग्राएँ ते दूर नी रही सकदा,
ग्राएँ दी रोटी ,ग्राएँ दा पाणी,
ग्राएँ दी महानता कुन्नी जाणी ||

अन्य कवितायें 

VIRAL POST

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक )

 श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक ) गीता के अध्याय 1 के 31 से 34 श्लोक सस्कृत ...

सबसे ज्यादा पसंद की गई पोस्ट