Hindi Kavita | हिन्दी कविताएँ (आसमां छू लेंगें )
दोस्तो सुरलहरी ,इस स्कंध में मैने कुछ हिन्दी कविताएँ लिखकर असली जीवन को प्रकट करने कि कोशिश की है |Hindi Poetry किसे अच्छी नहीं लगती |आज कि Hindi Poem उन महान लोगों को स्मर्पित है जो राम को फिल्मी बता रहे हैं |
आसमां छू लेंगें
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कभी सोचा आसमां छू लेंगे ,
कभी सोचा जहान जीत लेंगे ,
कभी सोचा आसमां छू लेंगे ,
कभी सोचा जहान जीत लेंगे ,
बस सोच सोच में ही रह गई ,
किसी का समय किसी की उम्र गुजर गई |
दूसरे की झोली ज्यादा रही ,
अपनी कम ही रही ,
दिन रात की सोच में जिंदगी दफ़न सी रही ,
कुछ किया भी नहीं ,
जिंदगी जिया भी नहीं ,
कहीं समय ,उम्र खत्म हो गयी कहीं ||