Himachali Kavita | हिमाचली कविता (हिमाचली व्याह)

Himachali Kavita | हिमाचली कविता (हिमाचली व्याह)


हिमाचली व्याह


Himachali Kavita | हिमाचली कविता (हिमाचली व्याह)
कुर्सियाँ लाईयाँ, टैंट लगाया |
रंग रोगन करी, घर सजाया |
नूरपुरे ते कित्ते बाजे आले |
घरा दा ही पंडत सदाया |




Himachali Kavita | हिमाचली कविता (हिमाचली व्याह)

धाम सारेयाँ ते खरी हो |
ताँ ही खरा वोटी सदाया |
दोसताँ जो कियाँ मैं भुल्ली सकदा |
शराबा कन्ने सोडा भी मंगाया |



Himachali Kavita | हिमाचली कविता (हिमाचली व्याह)
परौणे बारी बारी लग्गे आणा |
कुड़ियाँ लग्गी गीताँ गाणा |
दोस्त पी खाई मस्त होई गए |
करना लग्गे नाच कन्ने गाणा |



सेहरा चढ़ेया दुल्हा बणेआ |
हुण मुन्डू बराती लई चलेया |
बरात हर ठेके पर रूक्की |
ताँ भी टैमा दा लगन लगेया |


नुँआँ लई नै घरा जो आए |
बड्डे बुड्ढेयाँ दे पैर बंदाए |
दोस्ते भिरी रज्जी नै पिती |
सारेयां खुशी खुशी व्याह बर्ताया |

Best Motivational Speech in Hindi | बेहतरीन प्रेरणादायक स्पीच (आदमी की औकात )

Best Motivational Speech in Hindi | बेहतरीन प्रेरणादायक स्पीच (आदमी की औकात )

Best Motivational Speech in Hindi | बेहतरीन प्रेरणादायक स्पीच (आदमी की औकात )
आप कमा रहे हो किस के लिए ? किस की आकाँक्षाओं को पूरा करना चाहते हो |क्या किसी के जाने से बाद में रहने बाले कि जिन्दगी रुक जाती है? क्या आप अपने लिए कुछ कर पाए? क्या आप वो जिन्दगी जी पाए जिस की कल्पना आप ने कभी की थी?

कितने ही प्रश्न हैं लेकिन शायद जबाब के लिए आप को सोचना पड़ जाएगा |आज एक बिमारी ने सारी दुनिया को औकात दिखा दी है |आप की औकात आप को बता दी है |चाहे आप कितने भी अमीर हों अगर कोई भी  संक्रमण जो किसी भी नज़दीक रहने बाले को हो सकता है, आप को हो गया तो ना पैसा काम आएगा न धर्म कर्म |अपने भी आप से दूर भागेंगे |
Best Motivational Speech in Hindi | बेहतरीन प्रेरणादायक स्पीच (आदमी की औकात )
आज के हालात सब बयान कर रहे हैं | अपना कोई नहीं लग रहा सब पराए हुए पड़े हैं |जो कभी परिवार का पेट पालने बाहर गए थे वे जब घर आ रहे हैं तो सभी बस उन्हें उलाहना देने में लगे हैं ,पता है क्या बोलते हैं "जब मौत दिख रही है तो गाँव कि याद आई " |अरे बेवकूफों उन्हें अपने गांव से प्रेम यहाँ लेकर आया है ,वे जानते हैं गाँव में अभी भी इनसानियत बाकी है, यहाँ सब साथ देने बाले होगें |पर मौत का डर इनसानियत भुला चुका है |

भाईओ सभी से हाथ जोड़कर निवेदन है ,जहाँ हैं वहीं रहें, दुनिया में, इस दौर में कोई अपना नहीं है |
पर मैं कोई समाज सेवी नहीं  जो आपको सुधारने चली हूँ, पर एक बात जरूर कहँगी, क्या औकात पाई है इन्सान ने!
तो दोस्तों दूसरों कि चिन्ता छोड़ो वो आपके ना रहने पर भी जी लेंगे |अपनी जिन्दगी खुल के जीओ, अपनी सारी इच्छाएँ पूरी करो |अपनी भी कोई कहानी बनाओ |
Best Motivational Speech in Hindi | बेहतरीन प्रेरणादायक स्पीच (आदमी की औकात )

अन्त में एेसा ना हो कि कोई इच्छा अधूरी रह जाए |खुल के जिओ,समय तुम्हारा है |भविष्य के गर्त में पता नहीं क्या लिखा है, तो क्यों चिन्ता करते हो, बस आज में जीओ |आज तुम्हारा है |







हास्य व्यंग्य शायरी | Hasya Shyari (Moon Shyari)

हास्य व्यंग्य शायरी | Hasya Shyari (Moon Shyari)



Moon Shyari
हास्य व्यंग्य शायरी | Hasya Shyari (Moon Shyari)


1

चाँद चढ़ आया फलक पे, रात घिर आई है |
रोम रोम फड़क रहे, मस्ति सी छाई है |
दिल में जो है आज सब को सुनाइए |
बड़ी मुद्दतों के बाद ये शाम आई है |

2

चाँद कि चाँदनी में जगमगा उठा है ये समा, 
मुम्किन नहीं था यह आप के बिना, 
चारों तरफ से नजरें हटाकर यहाँ भी देखिए हुज़ूर|
जो आज है वो कल ना होगा समा |

3

फूल कि कलियाँ तोड़ता गया, 
मिलेगी जीने कि वजह यह सोचकर, 
मतलबी ये दुनियां, कुछ ना होगा खोकर, 
ऱुक गई उँगलियाँ अंतिम कली पर, 
जितनी भी जिन्दगी है, हँस के व्यतीत कर, 
अंत में रोना ना पड़े नसीब पर |

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