Best Motivational Speech in Hindi | बेहतरीन प्रेरणादायक स्पीच(आखिर क्यों)

Best Motivational Speech in Hindi | बेहतरीन प्रेरणादायक स्पीच(आखिर क्यों)



राहों में है कोहरा घिरा ,
क्यों कोई समझ नहीं रहा |
क्यों चल रहा अपनी ही राह |
जीवन रहा तो पुरी होगी हर चाह ||


दोस्तों आज मैं आप को सामने आई हूँ ,बस इस दुख से कि भारत में यह क्या चल रहा है |कोई मजाक है या नहीं, कौन गंभीर है कौन नहीं |बस पता ही नहीं चल पा रहा |बहुत डरी हुई हूँ, बहुत घबराई हुई हूँ |चैनल कुछ दिखा रहे ,जनता कुछ चाह रही ,राजनेता पता नहीं क्या कर रहे और बस रहा गरीब इन्सान, जिस का इन सब से कोई वास्ता नहीं |

पासपोर्ट कि यात्रा कर करोना भारत आया, भुक्त रहे राशन कार्ड बाले |अमीर कि गंदगी  गरीब पर हाबी |


South Morning China Report के अनुसार 55 बर्ष के एक व्यक्ति को 17 नवम्बर 2019 को COVID-19 से संक्रमित पाया गया |फिर फैलता गया पूरी दुनिया में |बड़े बड़े इस वाइरस के आगे घुटने टेक गए |इस वाइरस ने ना मजहब देखा ना जात, ना अमीर देखा ना गरीब | हम लोग कुछ नहीं जानते आम जनता हैं बस जो सामने आता है उसे ही सच मानकर चलते हैं |किस की साजिस ,किस का नुकसान हम नहीं जानते |बस मौत से डर जाते हैं अपनों से बिछड़ने के डर से डर जाते हैं  |

करोना के मरीज़ भारत में बढ़ते जा रहे हैं |जो किसी भी सरकार को करना चाहिए था, शायद वह किया भी |पहले जनता कर्फ्यू से जनता कि जागरूकता के बारे में जानकर फिर 21 दिनों का लॉकडाऊन सही है |

जीवन को बचाने के लिए आप सभी घरों में हो सही है |इस बीच पूरा दिन जनता के बाहर घूमने के वीडियो, पुलिस कि मार के विडियो, प्रतिष्ठित लोगों के भाषणों के विडियो और पता नहीं  कैसे कैसे एैसे वैसे विडियो  देखकर परेशान हो चुकी हूँ |

बस यही कहना चाह रही हूँ | अगर कोई बाहर निकल रहा है तो जरूर ही कोई जरूरी बात होगी, कुछ ही लोग होते हैं बेवकूफ ,जिन के कारण जरूरी काम से निकले भी भुगतने को विबस होते हैं |भारत के बहुत से लोग रोज कमा कर खाने बाले हैं |सरकार जरूर उन के लिए कुछ कर रही होगी पर क्या उन तक वह पहुँच पा रहा है या नहीं ,पता नहीं |

कुछ लोग इस समय का लाभ उठाने में जुटे हैं, महँगा राशन, मँहगी दवा और मँहगी हो गई हैं जिन्द्गी |इस संकट की धड़ी में लाभ उठाने बाले भी अमीर ही हैं जो गरीब के पैसों से ही पल रहे और अपना घर भर रहे हैं |शायद वेे कभी भगवान के पास नहीं जाएँगे और जाएँगे तो आज का जमा किया धन अपने साथ ले जाएँगे |हमारी मजबूरी का लाभ उठा लो भाई एैसा मौका फिर नहीं मिलेगा |

मेरे गाँव के पास दो ही दुकानें हैं मैं वहाँ लिस्ट लेकर जाती हूँ सामान लेकर बिना रेट पूछे ही, पैसे देकर आ जाती हूँ, यह जरूरी नहीं कि वो भी सही रेट ले रहे हों पर मुझ में हिम्मत नहीं रिपोर्ट करने कि, क्योंकि रिपोर्ट करने के बाद शायद वह सुधर जाए पर 99% चाँद हैं कि मुझे राशन नहीं देगा |

अब मेरे यह हाल हैं तो गरीब के क्या होंगे |अब पुलिस बाले मेरे भाइयों से अनुरोध है कि कोई माँ -बाप, भाई- बहन, छोटा बड़ा ना देखें बस कूट दें !! जब लॉकडाऊन है तो घर पर रहें |


दिल बहुत दु:ख रहा है, कृपा कर आप प्रहरी हो, मार से ज्यादा शायद कही गई बात बहुत असर करती है, तो समझाकर बात बन जाए और कोई किसी कारण बाहर आया हो तो उसे जाने दें और जो बस तफरी मारने आया हो उसे इतना भारी आर्थिक दंड दें कि फिर ना सोचे बाहर आने के बारे में |

कुछ धार्मिक संगठन अभी भी नहीं समझ रहे |मेरे भाइयों हम सब एक हैं, और करोना के लिए भी एक हैं, तो अगर करोना मुझे होगा तो आपको भी छोड़ेगा नहीं |समझ लो आप के कारण आज भारत का करोना से पीडि़ तों का आँकड़ा 1000 पार कर गया है |

आप को अपनी जिंदगी से प्यार नहीं है,तो दूसरे कि ही चिन्ता कर लो,कृपा कर दो हम पर |
और वो लोग जो झूठ बोलकर सरकार द्वारा चलाई गई स्कीमों का दुरूपयोग कर रहे हैं या किसी कि झुठी अच्छाई या बुराई कर रहे हैं वे भी सावधान है जाएँ |क्योंकि पाप पुण्य का फल यहीं मिलता है |

ना मैने हूरें ही देखीं,ना देखे स्वर्ग और नर्क |
ना मुझे राजनीति ही पता, न मेरा कोई संकल्प ||
बस कठिनाइयों ने मुझे जीना सिखा दिया है |
पैरों पर पडी़ बेड़ियाें ने सहना सिखा दिया है ||


मेरी कोई बात बुरी लगी हो तो माफ करना |पर सही बात पहले कड़वी ही लगती है |

Hindi Kavita | कविताएँ (चक्रव्यूह)

Hindi Kavita | कविताएँ (चक्रव्यूह)

दोस्तो सुरलहरी ,इस स्कंध में मैने कुछ हिन्दी कविताएँ लिखकर असली जीवन को प्रकट करने कि कोशिश की है |Hindi Poetry किसे अच्छी नहीं लगती |आज कि Hindi Poem उन महान लोगों को स्मर्पित है जो राम  को फिल्मी बता रहे हैं |



चक्रव्यूह

भरत का देश, कहते हैं भारत इसे ,
हर मुसीबत से निकलने का दम रखता है |
जब भी चक्रव्यूह रचा जाता, यहाँ अर्जुन जनमता है ||

तुम्हारी क्या औकात मुश्किलों, जो हम से टकराओगी |
चाहे जितना जोर लगा लो, बापस घर जाओगी ||
जहाँ रावण है पनपता,वहीं राम भी पलता है |
जब भी चक्रव्यूह रचा जाता, यहाँ अर्जुन जनमता है ||
Hindi Kavita | कविताएँ (चक्रव्यूह)

शाखाएँ गर रहीं तो पत्ते भी आएंगे |
हैं दिन बुरे तो अच्छे भी आएँगे ||
रहो घर पर, दूरियाँ बनाए रखो |
छुपाने कि गलती से रोग ज्यादा पनपता है |
जब भी चक्रव्यूह रचा जाता, यहाँ अर्जुन जनमता है ||

अन्य कवितायें 


Hindi Kavita |कविताएँ (लॉकडाऊन)

Hindi Kavita |कविताएँ (लॉकडाऊन)

दोस्तो सुरलहरी ,इस स्कंध में मैने कुछ हिन्दी कविताएँ लिखकर असली जीवन को प्रकट करने कि कोशिश की है |Hindi Poetry किसे अच्छी नहीं लगती |आज कि Hindi Poem उन महान लोगों को स्मर्पित है जो राम  को फिल्मी बता रहे हैं |



लॉकडाऊन

Hindi Kavita |कविताएँ (लॉकडाऊन)

अब क्या हो गया, रहो जैसे रहते हो |
हम हैं सर्वश्रेष्ठ, सदा तुम कहते हो ||


कोई रोड़ पर ना निकले,घर पर रहे इस बार, 
वातावरण साफ हो रहा, हो रहा विनिर्माण |
नगर वालों को गाँव भाए, 
भाए पुरातन ज्ञान विज्ञान ||
बर्गर पिज्जा खाने वाले, खा रहे देसी पकवान |
हाय हैलो करने वाले, कर रहे प्रणाम ||


अब क्या हो गया, रहो जैसे रहते हो |
हम हैं सर्वश्रेष्ठ, सदा तुम कहते हो ||


जब हम मंत्र पढ़ते थे, घर में हवन करते थे ,
नाक, नाभी पर तेल लगाकर, हमेशा स्वस्थ रहते थे |
वे हमें अंधविश्वासी कह कर सदा हँसते रहते थे ||
नगरों में है प्रदूषण, यहाँ हर बात का खतरा है |
जब खतरे में पड़ता तो गाँव गाँव रटता है ||


अब क्या हो गया, रहो जैसे रहते हो |
हम हैं सर्वश्रेष्ठ, सदा तुम कहते हो ||


लॉकडाऊन हो या कर्फ्यू, इनके भी हैं फायदे, 
सौहार्द तो बढ़ाए ही, जनता को सिखाए कायदे |
हो प्रदूषण या प्रदर्शन, करना हो या परिवर्तन, 
मृत्यु का डर करवा सकता, सबका ही समर्थन ||


अब क्या हो गया, रहो जैसे रहते हो |
हम हैं सर्वश्रेष्ठ, सदा तुम कहते हो ||


वाह रे भगवान कैसी तूने चीज़ बनाई, 
प्रकृति का करो सम्मान, कैसे यह सीख सिखाई |
समझ जाता है सब इंसान ,
जब मृत्यु उसे देती है दिखाई ||

अन्य कवितायें 



Hindi Kavita | कविताएँ (संतुलन)

Hindi Kavita | कविताएँ (संतुलन)

दोस्तो सुरलहरी ,इस स्कंध में मैने कुछ हिन्दी कविताएँ लिखकर असली जीवन को प्रकट करने कि कोशिश की है |Hindi Poetry किसे अच्छी नहीं लगती |आज कि Hindi Poem उन महान लोगों को स्मर्पित है जो राम  को फिल्मी बता रहे हैं |


संतुलन

Hindi Kavita | कविताएँ (संतुलन)


प्रकृति का संतुलन है, हर चीज़ पर पड़ेगा भारी |
करोना तो बस नाम है, मानव को लेनी होगी जिम्मेवारी ||

किसी देश ने कुछ किया, किया भक्ष्ण या तैयार किया |
नहीं पता, पर जो किया खिलवाड़ किया ||
गौरैया को मारा तो, टिड्डियों ने बर्बाद किया |
एशियन फ्लू, सारस और एच 7 एन 9 भी इन्हीं ने दिया ||

प्रकृति का संतुलन है, हर चीज़ पर पड़ेगा भारी |
करोना तो बस नाम है, मानव को लेनी होगी जिम्मेवारी ||

इतनी आपदाओं का जिम्मेदार, जानें क्यों कोई कदम नहीं उठाया |
कहीं दुनिया को कमज़ोर कर, खुद की खुशहाली से तो नहीं इस का नाता ||
ये करोना फैला कैसे, कौन इसका जिम्मेदार हुआ |
इतनी जानें चली गईं ,कौन गुनहगार हुआ ||

प्रकृति का संतुलन है, हर चीज़ पर पड़ेगा भारी |
करोना तो बस नाम है, मानव को लेनी होगी जिम्मेवारी ||

आदतें वो छोड़ दो, जो बढ़ा सकतीं हैं मुश्किल |
दूर से प्रणाम करो, योग करो हर दिन ||
जीवनशैली में बदलाव, न करो प्रकृति से खिलवाड़ |
रोग के आगे खड़े रहो, बन के लोहे कि दिवार ||

प्रकृति का संतुलन है, हर चीज़ पर पड़ेगा भारी |
करोना तो बस नाम है, मानव को लेनी होगी जिम्मेवारी ||



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