आज का सुविचार | Aaj Ka Vichar (ओझल)

 आज का सुविचार | Aaj Ka Vichar | 


दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |


आज का सुविचार | Aaj Ka Vichar


हिन्दी में आज का विचार | आज का सुविचार


नकारात्मक सोच, खुशियाँ होते हुए भी उन्हें आँखों से ओझल ही रखती है |

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Today's Thought in English |Aaj ka Vichar in English


Negative thinking keeps happiness out of sight.

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1.      जलते रहे 

2.     मंजिल

The Secret Of Victory | जीत का रहस्य (जो सफल होना चाहते हैं वो ये चार काम जरूर करें)

 The Secret Of Victory | जीत का रहस्य (जो सफल होना चाहते हैं वो ये चार काम जरूर करें)


The Secret Of Victory | जीत का रहस्य

दोस्तो हमारी असफलता का सबसे बड़ा कारण है अपने माता पिता ,दादा दादी ,दोस्तों आदि से कहते रहना की मैं एक दिन बड़ा आदमी बनूँगा, पर कुछ भी ना करना | आप का मन जनता है की उस सफलता के लिए आप को क्या करना है और वह चीज ऐसी है जो आप को करना मुश्किल लगती है , आप का अन्तर्मन उस चीज को स्वीकारने से डरता है |


आप अपने दोस्तों के साथ होते हो तो घूमना फिरना और मौज करना चाहते हो , जब आप के पास कुछ करने का समय हो तो आप बाजार चले जाते हो ,कुछ करना नहीं होता बस बेकार समय व्यतीत कर के आते हो | रवीवार के दिन मोबाईल और टी वी पूरा दिन नहीं छूटता | सुबह जल्दी उठने की बजाए आप दस बजे तक सोए रहते हो | खाली समय कोई किताब पढ़ने कि बजाए सोना या घूमना पसंद करते हो | व्यायाम और योगा करना पसंद नहीं , अगर कोई अच्छी बात बताए तो वह लैक्चर लगती है |


जो सफल होना चाहते हैं वो ये चार काम जरूर करें , सोना,मेहनत करना, चाहत रखना और दोहराना | सफलता कि चाहत रखने वाले रुकते नहीं ऊपर बताए हुए चार काम दोहराते चले जाते हैं, जब तक कि सपने पूरे ना हों |जब आप उन सब कामों को करना शुरू कर देते हैं जिन को करने में आप को परेशानी होती थी और जिन्हे दूसरे लोग नहीं करते तो मान लो आप सफलता कि और चल चुके हैं | जब आप उस काम के लिए तैयारी करते हो जो करने मे कठिन होता है तो अन्य काम आप को आसान से लगते हैं |


सारा जहान आप को कुछ भी कहे रुकना नहीं है , झुकना नहीं है, किसी को खुश नहीं करना है , बस अपनी खुशी के लिए, अपने को संतुष्ट करना है | लड़ाई के लिए डट जाओ ,अपना काम करते चले जाओ , दूसरों को मत देखो , सौ प्रतिशत कि खोज आप का अपना काम है |


बार बार फेल होते हो फिर भी रुको नहीं, मेहनत करने को मन नहीं करता फिर भी रुको नहीं ,अपने मन पे काबू कर के  मेहनत करते चले जाओ ,एक दिन सफलता आप के कदम चूमेगी |


 आप अलार्म बजने पर या तो उसे बंद करके दोबारा सो सकते हो और या तो अलार्म बजने से पहले ही उठकर मेहनत के लग जाते हो ,यही आप कि सफलता को निर्धारित करता है |


 शेर शिकार करता है, सोता हुआ नहीं रहता | आप को भी काम करना है, परिश्रम करना है, दूसरों को नहीं देखना है | जब दूसरे सो रहे हों तो आप काम कर रहे हैं ,जब दूसरे पार्टी कर रहे हों तब आप मेहनत कर रहे हैं | जब दोस्त नशा कर रहे हों , गर्लफ्रेंड बना रहे हैं तब आप परिश्रम मे डूबे हुए हैं | सफलता तभी मिलेगी जब सफलता कि भूख होगी और भूख ऐसी कि जब तक सफल ना हों नींद तक ना आए |


 “ किसी से भीख मांगने से अच्छा है“

“समय पर अपना लक्ष्य पहचानें“

“नई चुनौतियों का सामना करने के लिए तैयार रहें“

“जब तक सफल ना हों हार ना माने “


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Aaj Ka Suvichar | आज का सुविचार (मंजिल)

Aaj Ka Suvichar | आज का सुविचार (मंजिल)


दोस्तों आज के जीवन मे मनुष्य कई कठिनाईयों से गुजर रहा है , वह कई बार फैसले लेने मे असमर्थ होता है ,आप को सही फैसले लेने और सही दिशा दिखने के लिए मैं आप के लिए आज का विचार,सुविचार तथा Sundar Vichar सकन्ध लेकर आई हूँ | Suvichar हमारे जीवन में बहुत है | हमारे आज के विचार हमारे जीवन पे बड़ा असर डालते हैं  | Vichar हमारे जीवन मे उतना ही है जितना पानी और भोजन का | Vichar पढ़ें औए दूसरों को सुविचार दें |

हिन्दी मेें आज का विचार | आज का सुविचार


मुर्दा के साथ समशान जाते हो तो यह मत सोचो कि आप उसे मंजिल की ओर लेके जा रहे हो, बल्कि वह आप को बता रहा है की राम का नाम ही सच है बाकी सभी की मंजिल एक है ।

Aaj Ka Suvichar | आज का सुविचार (मंजिल)


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Today's Thought in English |Aaj ka Vichar in English


If you goto samshan with the dead, do not think that you are taking him towards the destination, rather he is telling you that the name of Ram only is true and everyone else's destination is the same.

अन्य पढ़ें

1.     गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 7 से 11 )

2.     ओझल 

क्या भारतीय समाज में संवेदनहीनता बढ़ रही है , कैसे खुद को एक सेल्फ़िश इंसान बनाने से रोकें | Motivational Speech

 क्या भारतीय समाज में संवेदनहीनता बढ़ रही है , कैसे खुद को एक सेल्फ़िश इंसान बनाने से रोकें | Motivational Speech

 
क्या भारतीय समाज में संवेदनहीनता बढ़ रही है , कैसे खुद को एक सेल्फ़िश इंसान बनाने से रोकें | Motivational Speech

दोस्तों आज की यह कड़वी बात, जो मैं आप को बताने जा रही हूँ ,उसे मेरे दोस्त अनिल ने हिमाचल से मुझे भेजा है |उन की कहानी सुन के मुझे इंसान होने पर शर्म सी महशूस हो रही है | मैंने कहावत सुनी थी “अपने से तीसरे अच्छे होते हैं”, लेकिन आगे  आने वाली कुछ पंक्तियों में मैं आप को एक हकीकत बताने जा रही हूँ जो लगभग सभी के साथ घटित होती है | हमारे समाज मे कितनी कड़वी बात या कहें तो कड़वाहट भारी हुई है , हम खुद तो खुश हैं नहीं और दूसरे की खुशियाँ देखने का हम मे दम नहीं हैं | तो नीचे की कहानी को जरूर पढ़ें और कहानी अच्छी लगे तो कमेंट जरूर करें और इसे शेयर करना ना भूलें,क्योंकि आप के एक शेयर से किसी कोप सीख मिल सकती है |

अनिल के गांव तक आपसी सहयोग से सड़क निकाली गई ,लेकिन कुछ संवेदनहीन/स्वार्थी लोगों के कारण गाँव के मुहाने पर पहुँचते ही सड़क का काम रोक दिया गया | अनिल कुछ और ना सोचते हुए खुश था की कोई बात नहीं ,चलो अपनी गाड़ी गाँव तक तो पहुँच ही जाएगी | अब अनिल ने गाड़ी एक चौड़े मोड़ के किनारे खड़ी कर दी | अनिल की गाँव मे ना तो किसी से दोस्ती थी और ना ही किसी से बैर| अनिल गाड़ी को खड़ा कर के घर आ गया ,बहुत खुश था अनीक , एक तो बहुत दिनों के बाद छुट्टी मिली थी और दूसरा गाँव के पहले घर तक सड़क | लेकिन अनिल को क्या पता था  की उसकी इन खुशियों को नज़र लगाने वाली थी |  

रात को गाँव का एक नशेड़ी जो की सड़क के उस मोड़ का मालिक  था ,जहां अनिल ने गाड़ी खड़ी की थी अनिल के घर आया और ज़ोर ज़ोर से गालियां देते हुए बोला अपनी गाड़ी मेरी जगह से निकाल नहीं तो तोड़ दूँगा | अनिल ने समझदारी से काम लेते हुए चुप – चाप अपनी गाड़ी मोड़ के पास से निकाली और घर से एक किलोमीटर दूर सूनसान मे खड़ी कर दी |

अब अनिल ने मन में ठान लिया था की कुछ तो करना है सो वह सड़क के नजदीक जमीन लेने कि खोज में पड़ गया | अनिल कि मेहनत रंग लायी और उसने सड़क के नजदीक एक टेकरी खरीद  ली |

अभी तक तो अपने ने ही अनिल को परेशान किया था अब शुरू होती है तीसरे द्वारा दी गई परेशानी |

ठेकेदार को टेकरी को प्लेन करने का ठेका दिया गया ,ठेकेदार अनिल का ही चेला था ,तो अनिल को भरोशा था कि काम ठीक ठाक होगा | पर हुआ इससे उल्टा ही | ठेकेदार खुदाई करता पर सड़क से पत्थर नहीं उठाता , जिससे लोग आक्रोशित हो जाते |  अनिल के ही दोस्त कि पत्नी ने अपनी अंतरशुष्कता को मिटाने के लिए फेसबुक पर उस काम के विरुद्ध मोर्चा खोल दिया , अनिल जिन्हे अंकल अंकल कहता हुआ नहीं थकता था ,उस कि स्कूटी जब खुदाई वाली जगह के पास स्किट कर गई तो वह भी अपने अंतरन्धकार को समेट नहीं पाया औए देने लग गया गालियां | एक ड्राईवर, जो लोकल ही था और रोज उसी सड़क से बस लेकर जाता था जहां खुदाई हो रही थी, वह भी एक दिन बस को पीछे खड़ी कर के बोलता है ”मैं यहाँ से बस नहीं लेकर जाऊंगा और कल से इस रास्ते से बस नहीं लेकर आऊंगा” हालाँकि बस के लायक रोड साफ किया गया था  | अब चौथा किरदार एचपीपीडबल्यूडी (HPPWD) के जे॰ई॰ साहब आते हैं और अनिल कि माँ को काम बंद करने का नोटिस देकर चले जाते हैं |अब तो हद ही हो गई और काम को रुकवा दिया गया और  ठेकेदार को काम के अनुसार भुगतान कर दिया गया |

इन  अंकल,दोस्त, ड्राईवर और जे॰ई॰ साहब से अनिल ने ना तो जमीन बांटनी थी और ना ही कुछ लेना देना था, पर इंसान आज कुछ इतना स्वार्थी हो गया है कि आगे पीछे कुछ नहीं देखता |

पर अनिल भी कहाँ रुकने वाला था सही तरीके से सरकार से मदद मांगी गई और काम फिर से शुरू कर दिया गया | जैसे ही काम दोबारा शुरू हुआ जे॰ई॰ साहब तो मदद करने लग गए लेकिन वो अंकल,दोस्त और ड्राईवर कि अंतरात्मा उन्हे फिर कचोटने लग गई , लेकिन अब कुछ नहीं हो सकता था | काम पूरा हुआ और अनिल ने सड़क के नजदीक घर बना लिया जहां वह गाड़ी भी खड़ी कर सकता था |

आप सभी ने ऊपर वाली कहानी पढ़ ही ली होगी , अपने को अनिल कि जगह रखकर सोचें ,किसी कि तरक्की से ना जलें ,जो तरक्की करता है उसे शाबासी दें, अगर सहायता नहीं कर सकते तो अड़ंगे भी ना अड़ाएँ |  जिसने पैसा खर्च किया है वह काम तो करवा ही लेगा पर उसकी नज़रों मे आप कि कीमत कम हो जाएगी और आप उससे नज़रें तक मिला नहीं पाओगे |

 यह कहानी सच्ची है पर यहाँ अनिल के शिवा किसी का नाम नहीं लिया गया है अत: समझदारी से काम लेते हुए अपनी अंतरात्मा को शांत रखें |


 अन्य पढ़ें 

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 4 से 6 श्लोक )

 श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 4 से 6 श्लोक )

श्रीमद्‍भगवद्‍गीता का महत्व |Bhagwat Geeta ka Mahatva | गीता ज्ञान (अध्याय 1 के 4 से 6 श्लोक )



लगभग 5000 वर्ष पहले  युद्ध के मध्य दिया गया एक हिन्दु धर्मोपदेश जिसे 18 अध्यायों और 700 श्लोकों में संजोया गया श्रीमद्भगवद्गीता का महत्व ,आज भी पूरे विश्व के लिए एक विश्लेषण का विषय है |जब हम  गीता को पढ़ते हैं तो पाते हैं कि यह धर्मोपदेश जो कई बर्षों पहले दिया गया आज के युग में भी उतना ही कारगर है जितना उस समय था |

मैं आप को हर रोज गीता के एक श्लोक का हिन्दी व English अर्थ बताऊँगी व यह भी बताने कि कोशिश करूँगी कि आज के आधुनिक युग में आप इसे कैसे कारगर सावित कर सकते हैं |श्रीमद्भगवद्गीता का महत्व 

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भगवद्गीता अध्याय 1

श्लोक 4 से 6

संस्कृत

सञ्जय उवाच

अत्र शूरा महेष्वासा भीमार्जुनसमा युधि

युयुधानो विराटश्च द्रुपदश्च महारथ:        || 4||


धृष्टकेतुश्चेकितान: काशिराजश्च वीर्यवान् |

पुरुजित्कुन्तिभोजश्च शैब्यश्च नरपुङ्गव: 

|| 5||


युधामन्युश्च विक्रान्त उत्तमौजाश्च 

वीर्यवान् |

सौभद्रो द्रौपदेयाश्च सर्व एव महारथा: 

|| 6||

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भगवद्गीता अध्याय 1

श्लोक 4 से 6 

हिन्दी में अनुवाद

इस सेना में भीम तथा अर्जुन के समान युद्ध करने वाले महारथी युयुधान, विराट तथा द्रुपद  जैसे अनेक वीर धनुर्धर हैं  ||4||


इनके साथ ही धृष्टकेतु, चेकितान, काशिराज, विर्यवान पुरुजित्, कुन्तिभोज तथा मनुष्यों में श्रेष्ठ शैब्य जैसे योद्धा भी हैं ||5||


शूरवीर युधामन्यु, अत्यन्त बलवान उत्तमौजा, सुभद्रा का पुत्र अभिमन्यु तथा द्रोपदी के पाँचो पुत्र , ये सभी महारथी हैं ||6||


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भगवद्गीता के अध्याय 4 से 6 श्लोक का आधुनिक युग में महत्व 


आप का शत्रु ,जानता है कि आप के अन्दर दिव्य गुणों जैसी ताकते कूट- कूट कर भरी हुई हैं |

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Importance of Adhyay 1,  verses 4 to 6 of Bhagavad Gita in the modern era 


Your enemy knows that you are filled with divine qualities like forces inside you.

अन्य पढ़ें

1.     मंजिल

2.      गीता ज्ञान (अध्याय 1 श्लोक 2 और 3)



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