Best Motivational Speech in Hindi | बेहतरीन प्रेरणादायक स्पीच (रुको और खुद की सुनो)

 Best Motivational Speech in Hindi | बेहतरीन प्रेरणादायक स्पीच (रुको और खुद की सुनो)

Best Motivational Speech in Hindi | बेहतरीन प्रेरणादायक स्पीच (रुको और खुद की सुनो)
दोस्तो इस दुनिया में हर कोई सफल होना चाहता है ,हर कोई अमीर होना चाहता है |पर क्या सभी यह कर पाते हैं ?

क्या कभी आप ने अपने ओफिस मे देर से पहुँचने के लिए बहाने बनाए हैं और एक बहाने के लिए सौ छूठ बोले हैं ?आप में से कई बहाने बनाते होंगे, कुछ ने musculer शरीर बनाने कि सोची, पर कुछ दिन में बहाने बनाना शूरू कर दिए |कुछ ने बजन कम करने कि सोची पर कुछ दिन में ही फिर शरीर और अपने साथ धोखा शुरू कर दिया |

हर जगह कोई न कोई बहाना सोच ही लिया और बचते रहे |
क्या कभी आप ने सोचा कि आप का आस पास आप को नियंत्रित कर रहा है या आप उसे नियंत्रित कर रहे हैं|बहाने बना बना आप इतने कमजोर हो गए हैं कि आप अपनी चाह तक पहुँचने कि बजाए दूर हो गए हैं |

अपने अन्दर कि सुनो |आप क्या बनना चाह रहे थे और इस के लिए क्या करना था और आप के बहानों ने आप को क्या बना दिया |

आप कि इच्छा शक्ति सर्वोपरी है तो खुद कि एक बार तो सुनो |जो चीज़ आप के रास्ते को रोकेगी उस के बारे में एक बार आप के अन्दर से आवाज जरूर आएगी |अगर वह सुन ली तो आप सफल हो गए |नहीं तो सोचते रह जाओगे हाथ में कुछ नहीं आएगा |

Himachali Kavita | हिमाचली कविता ( मां )

Himachali Kavita | हिमाचली कविता ( मां )

Himachali Kavita | हिमाचली कविता ( मां )

माँ तेरे पैराँ दी जमीन, माँ तेरे पैराँ दी जमीन |
तेरा सुख ओ ही जाणदे, जो बिन माँ दे यतीम ||


दो पल प्यारा दे भी नी पाई सकदे माई दी छोली |
तेरे चार पैसेयाँ पर होई गए पुत्तर भी लोभी ||
खरे खरे पकवान खाँदे, माँ तरसे टुकड़े जो भी |
पुत्तर पाले दुद्धा ने, तरसा दियाँ पाणिए जो भी ||


माँ सैंदी सारेयां दु:खाँ जो, करी सकदे यकीन |
तेरा सुख ओ ही जाणदे, जो बिन माँ दे यतीम ||


पूरा दिन हाल पुछदी, पुत्र अपणा ही जाया |
माँ पुछदी खाणे जो, चाहे पुत्तर खाई पी ने हो आया ||
कोई हुण पुच्छदा नी, पता नी क्या पाप कमाया |
परिवार तेरे ते गल्लाँ भी सुणदी, कुसी दा नी साया ||


पवित्र हुन्दी माँ दे पैराँ दी जमीन |
तेरा सुख ओ ही जाणदे, जो बिन माँ दे यतीम ||


अप्पूँ सोई कन्ने सिन्ने च, तिजो सुक्के च स्वाया |
तेरियाँ निंदराँ वास्ते, अपना चैन भी गवाया ||
तिज्जो खूब ख्वाया, लिखाया कन्ने पढ़ाया |
मुन्नू चलेया नौकरिया, आँखीं ते आँसू आया ||


माँ तेरे पैराँ दी जमीन, माँ तेरे पैराँ दी जमीन |
तेरा सुख ओ ही जाणदे, जो बिन माँ दे यतीम ||


दूर जे जाणा माऊ,तू ही बोलणा हक्काँ पाई |
चल अम्मा घरे जो, मिंजो प्यारा ने दे रोटी ख्वाई ||
फेरी ही समझणे तू रिस्ते, कम्में नी आणी तेरी कमाई |
दूजेयाँ दे बोलणे पर तू जे कितया, ओ जाणा समझ आई |



Hindi Kavita | हिन्दी कविताएँ ( शहीद )

  Hindi Kavita | हिन्दी कविताएँ  ( शहीद )


दोस्तो सुरलहरी ,इस स्कंध में मैने कुछ हिन्दी कविताएँ लिखकर असली जीवन को प्रकट करने कि कोशिश की है |Hindi Poetry किसे अच्छी नहीं लगती |आज कि Hindi Poem उन महान लोगों को स्मर्पित है जो राम  को फिल्मी बता रहे हैं |

Hindi Kavita | हिन्दी कविताएँ  ( शहीद )


शहीद 

फूल जो बीजा था माँ ने मेरी |
खिलते ही उसे अर्पण कर दिया ||
पता नहीं  क्या असर था, परवरिश का |
जो अपने को उसने देश के नाम कर दिया ||

ना मुश्किलें देखीं ना देखी तकलीफ |
रहे हमेशा दुश्मनों के करीब ||
माँ है दूर, भाई से दूर |
बहन की राखी कलाई से दूर ||

जो भी किया देश के लिए किया |
पता नहीं  क्या असर था, परवरिश का |
जो अपने को उसने देश के नाम कर दिया ||

आज में जीता हूँ, कल का ना पता |
मिल भी पाऊँगा परिवार से ना पता ||
ना भी मिल पाया तो इक बात जरूर होगी |
देश के लिए मेरी जान तिरंगे में लिपटी होगी ||

जब तक जीया देश के लिए जिया |
पता नहीं  क्या असर था, परवरिश का |
जो अपने को उसने देश के नाम कर दिया ||

जिस राह से गुज़रूँगा, फूल बिछाएगी दुनिया |
मेरी कुर्बानी को देख, रोएगी दुनिया ||
देश के लिए जान कुर्बान करना ,
आसान नहीं जानेगी दुनिया |

जो लिया वो देश को ही दे दिया |
पता नहीं  क्या असर था, परवरिश का |
जो अपने को उसने देश के नाम कर दिया ||

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